हाड़ कपावै थर थर ठण्डी | Thandi
हाड़ कपावै थर थर ठण्डी
रचनाकार –रामबृक्ष बहादुरपुरी
रचनाकार –रामबृक्ष बहादुरपुरी
पदचिन्ह ( Padachinh ) पदचिन्हों का जमाना अब कहां पदलुपतों का जमाना अब जहां परमसत्ता को शब्द-सत्ता से च्युत करने की साजिश है जहा तिनका-तिनका जलेगा मनुज अपने ही कर्मों को ढोते-ढोते शब्द-पराक्रम की महिमा वशिष्ट ने राम को समझायी अंश मात्र जो आज हम अपनाते क्लेश नामों-निशान मिट जाता शेखर कुमार श्रीवास्तव दरभंगा(…
विनती करो स्वीकार माँ हे शारदे ,वंदन नमन विनती करो , स्वीकार माँ । शुचिता सदा ,उर में भरो प्रज्ञा सुफल , शृंगार माँ ।। श्वेतांबरा ,कर मति विमल अंतर बहे ,धारा तरल । दे लक्ष्य अब ,पावन सकल भर शक्ति रस ,हर भव गरल ।। हो स्नेह की ,भाषा नयन उर में भरो ,संस्कार…
नॉन ह्यूमन इन्फ्लूएंजा वायरस ( Non human influenza virus ) अब धीरे धीरे आ रहा है यह ऐसा जानलेवा रोग, कोरोना जैसी बीमारी है ये सतर्क रहें सब लोग। नाॅन ह्यूमन इन्फ्लूएंजा वायरस है जिसका नाम, बड़े बड़े डाॅक्टर्स जिसके लिए कर रहें है प्रयोग।। कर्नाटक और हरियाणा में इसके मिले है मरीज़, गंभीर…
ऐतिहासिक स्थल किशनगढ़ ( Aitihasik sthal kishangarh ) राजस्थान राज्य का है यह ऐतिहासिक ऐसा शहर, समस्त सुविधाएं मिल जाती है जहां पर हर पहर। ऐतिहासिक एवम धार्मिक स्थल है यहां पर अनेंक, मदनगंज किशनगढ़ नाम से विख्यात है ये शहर।। मार्बल मंडी डंपिंग यार्ड से भी यह शहर है मशहूर, बाॅलीवुड फिल्मों की…
चाँद की आधी रात ( Chand ki aadhi raat ) शरद की पूर्णिमा की रात में, पूरे चाँद की आधी रात में, एक मीठी-सी कविता, अपने पूरे मन से बने, हमारे किसी अधूरे रिश्तों के नाम, लिख रहीं हूँ। चंद्रमा की चमकीली रात, इस सर्दीली रात में, तुम मेरे साथ नही हो, लेकिन– रेशमी…
वो नन्ही सी चींटी ( Wo nanhi si cheenti ) एक ना एक दिन ज़रूर आता है चींटी का भी वक्त, हिला देती है वो नन्हीं सी चींटी ताज और ये तख्त। समय पलटते देर न लगता किसी का भी उस वक्त, परेशानियां दूरी बना लेती चाहे वह हो बहुत सख़्त।। वो परमपिता सभी…