Tu Khud ki Khoj mein Nikal

तु खुदकी खोज में निकल | Tu Khud ki Khoj mein Nikal

तु खुदकी खोज में निकल

( Tu khud ki khoj mein nikal ) 

 

तु खुदकी खोज में निकल,
तुझे किसकी तलाश हैं,
तु निराशा के बादलोसे आशा का सावन है ।।
तु कोहिनूर सा हिरा है,
तुझे क्यों सितारो की तलाश है।
तु खुद हमराही है, हमसफर क्यो तलाश है ।
तु खुद सावन सा निर्मल है.
तुझे क्यू गलतियों पर निराशा है
आशा का पेड हैं ।
तु निराशा को जड ‘से उखाड़.
तु हस्ता हुआ बगीचा है,
तु गुजरता हुआ रास्ता है
तु आसमान की उड़ान है
तु खुद एक पहचान.
तु खुदकी खोज में निकल।

 

नौशाबा जिलानी सुरिया
महाराष्ट्र, सिंदी (रे)

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