उफ़ | Uff
उफ़!
( Uff )
किसी पुराने टूटे
ख्वाब की कोई
किरचन
उफ़!
कितनी कभी
चुभती है
रड़कती है
चैन से
आँख बंद कर
सोने भी
नहीं देती
.
.
.
न अश्क
बन बहती है
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
( Uff )
किसी पुराने टूटे
ख्वाब की कोई
किरचन
उफ़!
कितनी कभी
चुभती है
रड़कती है
चैन से
आँख बंद कर
सोने भी
नहीं देती
.
.
.
न अश्क
बन बहती है
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
रेज़ा रेज़ा ( Reza reza ) इकट्ठा करती हूँ बीनती हूँ इक इक टुकड़ा बारीक से बारीक किरचन उठाती हूँ देखती हूँ अपनी लाल हुई ज़ख्मी उंगलियां कभी उस टूटे हुये आईने को . . . . आईने को? या रेज़ां रेज़ां खुद को? लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी…
दिल में किसी की याद इतनी भर गई दिल में किसी की याद इतनी भर गई। चाहा मिटाना लाख फिर से उभर गई।। उनको हमारी याद आती जरूर है। शामो-सहर अपने वो मेरे नाम कर गई।। हम पर असर यादों का ऐसा कुछ हुआ। वीरान सारी जिंदगी गुजर गई।। दिल…
तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? ( Tu pyar ki hamesha dil mein chah kar ) तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? नफ़रत की यूं न दिल में तू पनाह कर तू डोर तोड़ मत रिश्तें वफ़ा भरी तू रिश्तें में वफ़ा से ही निबाह कर…
अपनों की याद में ! ( Aap ki yaad mein ) बह रहे आंसू अपनों की याद में! घर जब से परदेश आया छोड़कर व़क्त कटता शहर में तन्हा न था गांव लौटा हूं यारों की याद में कर रहूं अफ़सोस दिल में रात दिन उसके झूठे हर वादों की याद…
इश्क़-ए-दरख़्त ( Ishq-e-darakht ) खिड़कियों से आती हवा के झोंके सी सुहानी, मन के भीतर धुंधलाती यादों सी रूमानी, मैं कौन, अधुरी सी एक प्रेम कहानी आँसुओं से भीगी; कुछ जिस्मानी कुछ रूहानी.. मरूधरा पर उठते थमते कुंठा और संशय के बवंडर कुछ जद्दोजहद करते, दम तोड़ते भावों के भवँर मैं कौन, रात्रि…
दिल नहीं लगता बिना उसके यहां ( Dil nahi lagta bina uske yahaan ) मिलनें को ही जब से गया उसके यहां! दिल नहीं लगता बिना उसके यहां चाय पीकर उसके घर आया हूँ मैं कब रखना मुझको सदा उसके यहां पास बैठे थे सभी उसके घर के हाल कैसे पूछता उसके…
रेज़ा रेज़ा ( Reza reza ) इकट्ठा करती हूँ बीनती हूँ इक इक टुकड़ा बारीक से बारीक किरचन उठाती हूँ देखती हूँ अपनी लाल हुई ज़ख्मी उंगलियां कभी उस टूटे हुये आईने को . . . . आईने को? या रेज़ां रेज़ां खुद को? लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी…
दिल में किसी की याद इतनी भर गई दिल में किसी की याद इतनी भर गई। चाहा मिटाना लाख फिर से उभर गई।। उनको हमारी याद आती जरूर है। शामो-सहर अपने वो मेरे नाम कर गई।। हम पर असर यादों का ऐसा कुछ हुआ। वीरान सारी जिंदगी गुजर गई।। दिल…
तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? ( Tu pyar ki hamesha dil mein chah kar ) तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? नफ़रत की यूं न दिल में तू पनाह कर तू डोर तोड़ मत रिश्तें वफ़ा भरी तू रिश्तें में वफ़ा से ही निबाह कर…
अपनों की याद में ! ( Aap ki yaad mein ) बह रहे आंसू अपनों की याद में! घर जब से परदेश आया छोड़कर व़क्त कटता शहर में तन्हा न था गांव लौटा हूं यारों की याद में कर रहूं अफ़सोस दिल में रात दिन उसके झूठे हर वादों की याद…
इश्क़-ए-दरख़्त ( Ishq-e-darakht ) खिड़कियों से आती हवा के झोंके सी सुहानी, मन के भीतर धुंधलाती यादों सी रूमानी, मैं कौन, अधुरी सी एक प्रेम कहानी आँसुओं से भीगी; कुछ जिस्मानी कुछ रूहानी.. मरूधरा पर उठते थमते कुंठा और संशय के बवंडर कुछ जद्दोजहद करते, दम तोड़ते भावों के भवँर मैं कौन, रात्रि…
दिल नहीं लगता बिना उसके यहां ( Dil nahi lagta bina uske yahaan ) मिलनें को ही जब से गया उसके यहां! दिल नहीं लगता बिना उसके यहां चाय पीकर उसके घर आया हूँ मैं कब रखना मुझको सदा उसके यहां पास बैठे थे सभी उसके घर के हाल कैसे पूछता उसके…
रेज़ा रेज़ा ( Reza reza ) इकट्ठा करती हूँ बीनती हूँ इक इक टुकड़ा बारीक से बारीक किरचन उठाती हूँ देखती हूँ अपनी लाल हुई ज़ख्मी उंगलियां कभी उस टूटे हुये आईने को . . . . आईने को? या रेज़ां रेज़ां खुद को? लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी…
दिल में किसी की याद इतनी भर गई दिल में किसी की याद इतनी भर गई। चाहा मिटाना लाख फिर से उभर गई।। उनको हमारी याद आती जरूर है। शामो-सहर अपने वो मेरे नाम कर गई।। हम पर असर यादों का ऐसा कुछ हुआ। वीरान सारी जिंदगी गुजर गई।। दिल…
तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? ( Tu pyar ki hamesha dil mein chah kar ) तू प्यार की हमेशा दिल में चाह कर ? नफ़रत की यूं न दिल में तू पनाह कर तू डोर तोड़ मत रिश्तें वफ़ा भरी तू रिश्तें में वफ़ा से ही निबाह कर…
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