उम्मीदों का दामन | Umeedon ka Daman
उम्मीदों का दामन
( Umeedon ka daman )
उम्मीदों का दामन यूं कभी ना छोड़िए।
उम्मीद पे दुनिया टिकी मुंह ना मोड़िए।
आशाओं के दीप जला खुशियां पाईए।
प्यार के अनमोल मोती जग में लुटाइए।
हारकर जो थक चुका हौसला बढ़ाइए।
बढ़कर जरा थामिए हमें यूं ना गिराइए।
मिलने को है आतुर थोड़ा शीघ्र आइए।
चेहरे को खिलने दो थोड़ा मुस्कुराइए।
अधरो की मधुर वाणी सबको सुनाइए।
गीत हो कोई गजल जरा गुनगुनाइए।
सब्र का है बांध बड़ा धीरज भी धारिए।
सुख-दुख में काम आए जरा पुकारिए।
दीपों की सजी कतार रोशनी में नहाइए।
हिलमिल दिवाली पर्व खुशी से मनाइए।
दस्तक दे वो गीत हमें सुहाना सुनाइए।
उम्मीद उनके आने की समां महकाइए।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )