Veer Tejaji par Kavita
Veer Tejaji par Kavita

वीर तेजाजी

( Veer Tejaji ) 

 

सत्यवादी और वचनों पर अटल रहने वाले,
आश्चर्यचकिंत व साहसिक कारनामो वाले।
राजकाज से दूर गौसेवा में लीन रहने वाले,
कुॅंवर तेजपाल थें बहादुर एवं हिम्मत वाले।।

खरनाल ग्राम में जन्में जिला जो है नागौर,
पिता का नाम ताहड़ जी माता राम कंवरी।
विक्रम संवत् ११३० माघ शुक्ला चतुर्दशी,
मुखियां ग्राम के पिता भोलेनाथ उपासकी।।

खेंती की खुशहाली हेतु कृषक करतें पूजा,
गायो की रक्षा खातिर प्राण लुटाऍं ये तेजा।
अनेंक प्रांतों मे आपको लोकदेवता मानते,
भादों शुक्ला दशमी को होती विशेष पूजा।।

वचन के पक्कें व बलिदानी अमरत्व पाया,
कर्म शक्ति भक्ति वैराग्य उदाहरण दर्शाया।
घायल अवस्था में भी नागराज को पुकारा,
दंश लो नाग जीभ पर वचन मेरा निभाया।।

कई गाथाएं इनकी नवचेतन जागृत करती,
समाज सुधारक सदमार्ग चलना सिखाती।
बाल्यावस्था में ही इनकी हो गई थी शादी,
इनके नाम की साॅंप काटें हुऍं बांधते ताॅंती।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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