Sad Shayari -यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!
यहाँ रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!
( Yahaan Roz Lab Pe Khamoshi Rahi Hai )
यहां रोज़ लब पे ख़ामोशी रही है!
कहीं प्यार की ही लबों पे हंसी है
किसी ने तोड़ा प्यार से ही भरा दिल
आंखों में भरी प्यार की ही नमी है
उदासी ख़ामोशी भरी जिंदगी ये
न कोई मिली जिंदगी में ख़ुशी है
अपनों से मिले जख़्म इतने वफ़ा में
लबों पे मेरे ख़ामोशी बन गयी है
न कोई हुआ प्यार का शोर दिल में
यहां जिंदगी तो ख़ामोशी भरी है
वही ख़ामोशी दें गया बेवफ़ा की
जिसके नाम आज़म लिखी जिंदगी है
?
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
यह भी पढ़ें : –