ये प्यारे प्यारे बच्चे | pyare bache
ये प्यारे प्यारे बच्चे
ये तोतली बोल के बच्चे, मन के अनमोल बच्चे,
नवतन के प्यारे बच्चे , सुन्दर सलोने बच्चे,
कारेनयन के तारे बच्चे, नियति के सच्चे बच्चे,
स्वराष्ट्र के रतन बच्चे, पितृ- मातृ के अच्छे बच्चे,
इनका खिला चेहरा देख के, शर्मा जाते हैं फूल
देखो ये प्यारे- प्यारे बच्चे जाते हैं स्कूल ।।
पीठ पर लादे बास्ते , गले में डालें पहने ,
हाथ में थामे बोतल , स्वच्छ परिधान पहने ,
अति शीतोष्ण पवन से, शुरू हुआ स्वेद बहने,
इन देव पुष्प ईश रूप, आगमो के क्या है कहने,
गमन कर स्कूल के , ये गृह जाते है भूल,
देखो ये प्यारे – प्यारे बच्चे जाते हैं स्कूल ।।
आते जाते मन ललचाये, गर बचपन होवे बचपन,
इसी रास में गोता लगते, नेहरू पहने टोपी -अचकन,
लछ्मी, गाँधी, सुबाष, से भी, तेज़ है इनकी धड़कन,
आज का नन्हा कल का विशाल, यही है हमारी धड़कन,
शैशव रहे स्वथ आ. बी. नहीं चुभेंगे बन के शूल,
देखो ये प्यारे – प्यारे बच्चे जाते हैं स्कूल ।।
लेखक: राम बरन सिंह ‘रवि’ (प्रधानाचार्य)
राजकीय इंटर कालेज सुरवां माण्डा
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश )
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