ज़मीरों की तिज़ारत | Zamiron ki Tijarat
ज़मीरों की तिज़ारत
( Zamiron ki tijarat )
कुछ लोग ज़मीरों की तिज़ारत नहीं करते
रंजिश में रक़ीबों की ख़िलाफ़त नहीं करते।
ये दौर ज़रा फ़र्क ज़रा अजनबी सा है
मतलब न हो तो लोग मुहब्बत नहीं करते।
है फ़ितरतों में अपनी वफ़ा और अकीदत
हम दोस्ती में यार सियासत नहीं करते।
कब तक न भला आप बतायेंगे हाले दिल
अपनों से सुनें ऐसी शरारत नहीं करते।
ये दिल हमारा अबसे अमानत है उन्हीं की
हम अपनी अमानत में ख़यानत नहीं करते।
है बात भरोसे की अकीदे की यकीं की
यूं ही तो यहां बुत की इबादत नहीं करते।
कुछ बात कोई राज़ छिपा इसमें है नयन
सरकार बिना बात इनायत नहीं करते।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )
तिज़ारत – व्यापार
ख़िलाफ़त – विरोध
फ़ितरतों – स्वभाव
अकीदत- सम्मान
सियासत – राजनीति
ख़यानत – अमानत में रखी बस्तु को चुराना बेइमानी
अकीदा – विश्वास
बुत- मुर्ति
इबादत- पूजा
इनायत – कृपा