मै शेरसिंह सर्राफ | साहित्यिक परिचय
मै शेरसिंह सर्राफ
( Mai Sher Singh Saraf )
इक परिचय मेरा भी सुन लो,
शब्द मेरे है साफ।
लिखता हूँ खुद से खुद को मै,
शेर सिंह सर्राफ।
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बचपन बीता यौवन भी अब,
मै हूँ चालीस पार।
लेखन मे डूबा रहता मै,
इससे ही मुझको प्यार।
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पाँच जुलाई का दिन था वो,
सावन की बरसात।
पृथ्वी पर जब गिरे शेरसिंह,
रिमझिम थी बरसात।
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गोरखपुर के पास जिला है,
देवरिया निज धाम।
कभी कटोरा चीनी का था,
आज मगर बेनाम।
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माता है दम्यंती देवी, पिता
महेशेन्द्र सिंह सर्राफ।
चार भगनि अरू तीन बँन्धू मे,
मै दीर्घ नही लघु नाम ।
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एम ए ,बी एड, एल एल बी संग,
शिक्षा विशारद सम्मान ।
काम मेरा बर्तन आभूषण ,
मै हूँ एक सोनार।
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निज निकेतन प्रिय- प्रवास है,
प्रिया है भार्या नाम।
दो पुत्रो की वह माता है,
यशवन्त ,राजवीर सिंह नाम।
कवि : शेर सिंह हुंकार
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )