Mai Sher Singh Saraf
Mai Sher Singh Saraf

मै शेरसिंह सर्राफ

( Mai Sher Singh Saraf )

 

इक परिचय मेरा भी सुन लो,
शब्द मेरे है साफ।
लिखता हूँ खुद से खुद को मै,
शेर सिंह सर्राफ।

बचपन बीता यौवन भी अब,
मै हूँ चालीस पार।
लेखन मे डूबा रहता मै,
इससे ही मुझको प्यार।
….
पाँच जुलाई का दिन था वो,
सावन की बरसात।
पृथ्वी पर जब गिरे शेरसिंह,
रिमझिम थी बरसात।
…..
गोरखपुर के पास जिला है,
देवरिया निज धाम।
कभी कटोरा चीनी का था,
आज मगर बेनाम।
…..
माता है दम्यंती देवी, पिता
महेशेन्द्र सिंह सर्राफ।
चार भगनि अरू तीन बँन्धू मे,
मै दीर्घ नही लघु नाम ।
….
एम ए ,बी एड, एल एल बी संग,
शिक्षा विशारद सम्मान ।
काम मेरा बर्तन आभूषण ,
मै हूँ एक सोनार।
….
निज निकेतन प्रिय- प्रवास है,
प्रिया है भार्या नाम।
दो पुत्रो की वह माता है,
यशवन्त ,राजवीर सिंह नाम।

 

✍?

कवि :  शेर सिंह हुंकार

देवरिया ( उत्तर प्रदेश )

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