दिल को | Dil ki Shayari
दिल को
( Dil ko )
बे -इंतहा,
बे – हिसाब,
बे – पनाह,
बे- पायान
प्यार है ‘ गर
दिल को
बे – इंतहा,
बे – हिसाब,
बे- पनाह,
बे -पायान
दर्द भी होता है उस
दिल को..
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
( Dil ko )
बे -इंतहा,
बे – हिसाब,
बे – पनाह,
बे- पायान
प्यार है ‘ गर
दिल को
बे – इंतहा,
बे – हिसाब,
बे- पनाह,
बे -पायान
दर्द भी होता है उस
दिल को..
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
है शान निराली भारत की ( Hai shaan nirali Bharat ki ) है शान निराली भारत की हर चीज है प्यारी भारत की बलिदान दिया हर सैनिक ने तकदीर सवारी भारत की हर कोई उल्फ़त से बोले मीठी है बोली भारत की अबला न समझ तू अब उसको सबला है नारी भारत की राशन…
नफ़रतें देख ली है यहां हर घड़ी ( Nafraten dekh li hai yahan har ghadi ) नफ़रतें देख ली है यहां हर घड़ी प्यार की बारिश अब हो रवां हर घड़ी रब फ़ूलों की ख़ुशी की कर दें बारिशें हो रही है ग़मों की ख़िज़ां हर घड़ी है यहां तो उदासी …
मुहब्बत की मुहब्बत से सदा ( Muhabbat ki muhabbat se sada ) दिल-ए-मुज़्तर की हया हो जैसे लफ्ज़-ए-नस्र की अदा हो जैसे जिस तरह से उसको याद करता हूँ लगता है मुहब्बत की मुहब्बत से सदा हो जैसे खुदा से ही ये इल्तेजा हो जैसे एक नासीर कहाँ जाए अश्क-ए-नदामत लिए…
यूं न झटकों नक़ाब से पानी ( Yoon na jhatko naqab se pani ) यूं न झटकों नक़ाब से पानी हुस्ने जानम शबाब से पानी जीस्त बेकार कर देगी तेरी है ये अच्छा शराब से पानी प्यार की महकी है यहाँ खुशबू टप रहा वो गुलाब से पानी ले आया…
वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं ( Wo kabhi jazbaat dil ke yaar samjha nahi ) वो कभी ज़ज्बात दिल के यार समझा नहीं मुझसे देखो वो कभी भी प्यार से मिलता नहीं छोड़कर वो बीच सफ़र में ज़ा चुका है तन्हा ही पूरा उससे ही मुहब्बत का किया फेरा…
कर गया दुश्मनी की वो ही बात है ( Kar Gaya Dushmani Ki Wo Hi Baat Hai ) कर गया दुश्मनी की वो ही बात है दोस्ती की करी जिससें शुरुवात है प्यार मेरा नहीं है किया हाँ क़बूल दिल के उसनें नहीं समझें जज्बात है नफ़रतों की ही बरसात होती …