मोम सा जिगर | Geet Mom sa Jigar
मोम सा जिगर
( Mom sa jigar )
हम हैं कांटों से तय यह करते हैं
आदमी खंजर है जिससे डरते हैं।
हँसते चेहरे में लोग तो मिलते हैं
फिर भी यकीन नहीं हम करते हैं।
लूट गई बेटी कल पड़ोसन की
रात में कम सफर हम करते हैं।
उतर जाता है दीवार से आदमी
भरोसा लेकर न जीया करते हैं।
ऐसा नहीं कि सबसे जलते हैं हम
मोम सा जिगर भी हम करते हैं।
विद्या शंकर विद्यार्थी
रामगढ़, झारखण्ड