प्रेरणा गीत
प्रेरणा गीत

प्रेरणा गीत

( Prerna Geet )

 

कदम से मिलाकर कदम जो चलोगे,
सफलता कदम चूम लेगी।

डर के अंधेरों से निकलोगे बाहर,
विफलता तुम्हें छोड़ देगी।

चिंता करो न कि कैसे ये होगा,
समाधान ये न करेगी।

चिंतन करो कि करेंगे ये ऐसे,
नई राह सुबह मिलेगी।

कदम से मिलाकर कदम…..
समय ये कठिन छाया कोहरा घनेरा,
कोशिश तो करनी पड़ेगी।

बढ़ेगे हम थोड़ा जरा डगमगाते,
पास मंजिल हमें फिर दिखेगी।

कदम से मिलाकर कदम…..
आंधी के झोंकों से हिल जाएं जो हम,
ऐसे भी हल्के नहीं हैं।

सीखेंगे हम भी नया कुछ हमेशा,
हम पत्थर पे लिखने खड़े हैं।

कदम से मिलाकर कदम…..
हिम्मत जुटाकर सतत बढ़ते जाओ,
कहानी नई हम लिखेंगे।

जानोगे मानोगे कुछ नहीं है मुश्किल,
कठिनता को हम जीत लेंगें।
कदम से मिलाकर कदम…..

रचना – सीमा मिश्रा ( शिक्षिका व कवयित्री )
स्वतंत्र लेखिका व स्तंभकार
उ.प्रा. वि.काजीखेड़ा, खजुहा, फतेहपुर

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