हो शालू | Bhojpuri kavita ho Shalu
हो शालू!
( Ho Shalu )
झमकावेलू,
आंख देखावेलू
लचकावेलू,
मटकावेलू
धमकावेलू,
महटियावेलू
ना आवेलू,
अंठियावेलू
सुनावेलू,
सतावेलू।
( Ho Shalu )
झमकावेलू,
आंख देखावेलू
लचकावेलू,
मटकावेलू
धमकावेलू,
महटियावेलू
ना आवेलू,
अंठियावेलू
सुनावेलू,
सतावेलू।
गीले नयन ( Geele nayan ) हो गये गीले नयन, बीता हुआ कुछ याद आया। मूल प्रति तो खो गई, उसका सकल अनुवाद आया। चित्र जो धुंधले हुये थे इक समय की धूल से। आ गया झोंका पवन का खिल उठे फिर झूल से। जो हुआ, कैसे हुआ सब कौन छल कर चल दिया। व्यथित…
सत्यमेव जयते ( Satyamev Jayate ) सत्यमेव जयते ऋषि मुनि सब कहते ।। राम चले सत्य की डगर । मुश्किल में भी नहीं छोड़ा सत्य मगर ।। अपनी राहों में सबको गले लगाया । पाप पुण्य का पाठ सबको पढ़ाया ।। माता-पिता का मान जग में बढ़ाया । सम्मान देकर सबको नाम कमाया।। कर्म से…
तभी तो मां कहलाती हैं ( Tabhi to maa kahlati hai ) खुद का निवाला छोड़, अपने बच्चे की थाली सजाती है। तभी तो मां कहलाती है देख मुस्कान औलाद के चेहरे पर, अपने सब गम भूल जाती है। तभी तो मां कहलाती है परवाह नहीं जमाने की, सिर्फ अपने बच्चों की खैरियत चाहती…
तुम ही तो माँ ( Tum Hi to Maa ) सुबह सवेरे जब तुम मुझे उठाती थी, एक रौशनी सी मेरे आंखों को छू कर जाती थीं। उठ कर, हाथों से जब मैं आंखें मलती थी, ” सुबह हो गई बेटा ” कह कर तुम सीने से मुझे लगाती थी। देख कर तुम्हारी प्यारी सी…
बचपन की बातें! ( Bachpan ki baatein ) सुनाओ कोई फिर बचपन की बातें, कोई लब पे लाओ लड़कपन की बातें। दरख्तों की छाँव में होती थीं बातें, बड़े ही मजे से चलती थीं साँसें। दुआएँ बड़ों की मिलती थी हमको, नाजो-अदा न उठानी थी हमको। कागज की कश्ती वो बारिश का पानी, आओ…
तुम इतनी कठोर ( Tum Itni Kathor ) तुम इतनी कठोर कैसे हो सकती हो..? क्या भूले से भी मेरे नाम से तुम्हारा दिल नहीं धड़कता….. तुम्हारे दिल में मेरे लिए थोड़ा सा भी प्रेम नहीं है क्या जो इतनी बे-मुरोव्वत बन गई हो…. एक हमारी हालात है कि एक पल का…