Omicron par kavita

ओमिक्रॉन वैरिएंट से रखना दूरी | Omicron par kavita

ओमिक्रॉन वैरिएंट से रखना दूरी ( Omicron variant se rakhna doori )   भैया मास्क बहुत जरुरी ऑमिक्रोन से रखना दूरी, वैक्सीनेशन करवाएं अपना यें सबके लिए ज़रुरी। घर-परिवार और मित्रों को इसके बारे में समझाएं, कोरोना वायरस से भयंकर यें ऑमिक्रोन बिमारी।। पहला केश पाया गया ये ऑमिक्रोन का अफ्रीका, बढ़ रहा यें आज…

Sweater par kavita

ठंड में आई याद स्वेटर की | Sweater par kavita

ठंड में आई याद स्वेटर की ( Thand mein aayi yaad sweater ki )   ठंड में आई है मुझको याद स्वेटर की, जिसके बिना हमारी ठंड नही रुकती। इसमें हमारी मां का प्यार, आशीर्वाद, जिसके बिन हमारी सर्दी नही कटती।। इस मौसम ने बदल लिया है मिजाज, हमनें निकाली अपनी स्वेटर ये आज। इस…

Kavita gardishon mein muskurate rahe

गर्दिशों में मुस्कुराते रहे | Kavita gardishon mein muskurate rahe

गर्दिशों में मुस्कुराते रहे ( Gardishon mein muskurate rahe )   हंसते रहे हम गाते रहे गर्दिशों में मुस्कुराते रहे तूफां आते जाते रहे हौसलों से रस्ता बनाते रहे उर उमंगे उठती रही गीत प्यार भरे गुनगुनाते रहे मौसम बदले रूप कई रूठे को अक्सर मनाते रहे गर्दिशो में मुस्कुराते रहे आंधियों में खेले कभी…

Hindi Poem kohara

कोहरा | Hindi Poem kohara

कोहरा ( Kohara )   कोहरे की चादर में लिपटी सुबह अठखेलियां सी करती हमारे हिस्से का सूरज भी ज़ब्त कर खुश होती है पगली है नादान है हमें तो चेहरों पर गिरती धुंध भी भा जाती है खुशी से सराबोर कर जाती है…   लेखिका :- Suneet Sood Grover अमृतसर ( पंजाब ) यह भी पढ़ें…

Kavita Hindi hamari matrabhasha

हिंदी हमारी मातृभाषा | Kavita Hindi hamari matrabhasha

हिंदी हमारी मातृभाषा  ( Hindi hamari matrabhasha )   ये हिंदी हमारी ऐसी मातृ-भाषा, सरल शब्द में इसकी परिभाषा। विश्व में सारे गौरवान्वित करती, ३३ व्यंजनों से बनी राज भाषा।। हिन्द की भाषा का करो बखान, जिससे गूंजें ये सारा ही जहान। करो गुणगान और बनो विद्वान, हिन्द की हिंदी गूंजें सारे जहान।। हिंदी भाषा…

Mata pita ke samman par kavita

मात पिता का जीवन में सम्मान होना चाहिए | Mata pita ke samman par kavita

मात पिता का जीवन में सम्मान होना चाहिए  ( Mata pita ka jeevan mein samman hona chahiye )   मात पिता का जीवन में सम्मान होना चाहिए अनजाने में भी न कभी अपमान होना चाहिए पालते हैं पोसते वे कइयों बेटा बेटियां सोंचते रहते सदा कैसे खिलाएं रोटियां न देखते कोई मुसीबत या कोई मजबूरियां…

Kavita kaise manaoge janm-din

कैसे मनाओगे जन्म-दिन | Kavita kaise manaoge janm-din

कैसे मनाओगे जन्म-दिन ( Kaise manaoge janm-din )    जन्मदिवस की यें ढेरों शुभकामना, कोरोना से हम सबको जंग लड़ना। करना इसका सब मिलकर सामना, इस महामारी से महा-अलर्ट रहना।। बचना और बचाना है हर शहर को, घर-परिवार गांव व अपनें ख़ुद को। समझाना फालतु निकले ना बाहर, हर इंसान और बुजुर्ग माँ बहन को।।…

Sanskar par kavita

संस्कार | Sanskar par kavita

संस्कार! ( Sanskar )   राम का संस्कार फिर देश में लाया जाए, पीकर आँसुओं को न जीवन बिताया जाए। खत्म हुआ समाज से छोटे- बड़े का अदब, भरत का वो कठोर तप सबको बताया जाए। लोग खौफजदा हैं आजकल के माहौल से, बाग की बुलबुल को बहेलिए से बचाया जाए। ठीकेदार बन बैठी घरों…

Lata Mangeshkar par kavita

भारत रत्न लता मंगेशकर | Lata Mangeshkar par kavita

भारत रत्न लता मंगेशकर ( Bharat Ratna Lata Mangeshkar ) स्वर-कोकिला और महान थी गायिका, भारत वर्ष की शान ऐसी वो पुण्यात्मा। आवाज़ से बनाई जिसने ऐसी पहचान, ग़वाह है जिसका धरती एवं आसमान।। स्वभाव से शान्त और प्रतिभा की धनी, हिंदुस्तान की धड़कन हस्ती थी ख़ास। मराठी था परिवार लता मंगेशकर नाम, कॅंठो में…

Poem mausam-e-gul

मौसम-ए-गुल | Poem mausam-e-gul

मौसम-ए-गुल! ( Mausam-e-gul )   ख्ब्वाब अपना पांव पसारने लगे हैं, परिन्दे घोंसले को लौटने लगे हैं। दिल के दस्तावेज पे लिखा उसने नाम, आजकल दिन उसके इतराने लगे हैं। बुलबुल भी खुश है और चमन भी खुश, मौसम-ए-गुल देखो बिहसने लगे हैं। खिजाँ के दिन कब टिके हैं जहां में, मेंहदी वाले हाथ महकने…