Zamiron ki Tijarat

ज़मीरों की तिज़ारत | Zamiron ki Tijarat

ज़मीरों की तिज़ारत ( Zamiron ki tijarat )   कुछ लोग ज़मीरों की तिज़ारत नहीं करते रंजिश में रक़ीबों की ख़िलाफ़त नहीं करते। ये दौर ज़रा फ़र्क ज़रा अजनबी सा है मतलब न हो तो लोग मुहब्बत नहीं करते। है फ़ितरतों में अपनी वफ़ा और अकीदत हम दोस्ती में यार सियासत नहीं करते। कब तक…

Nahi Karte

नही करते | Nahi Karte

नही करते ( Nahi karte )   वैसे किसी को बेवज़ह आहत नहीं करते गैरत कोई छेड़े तो मुरव्वत नहीं करते ॥ कोशिश यही रहती न कभी भूल कोई हो गर हो तो सीखते हैं नदामत नहीं करते ॥ इन्साफ हुआ अंध है गूंगा है ज़माना बरसर-ए-विधा भी तो हिफाज़त नहीं करते ॥ अहबाब को…

Zindagi ki Bewafai

ज़िन्दगी की बेवफाई | Zindagi ki Bewafai

ज़िन्दगी की बेवफाई ( Zindagi ki Bewafai )    कहां हर वक्त काबू में यहां हालात होते हैं बड़ी मुश्किल में यारों बारहा दिन रात होते हैं। कभी जो पास थे दिल के वो लगते अजनबी से हैं वही रिश्ते मगर क्यों मुख़्तलिफ़ जज़्बात होते हैं। भुला देता है दिल रंगीनियां रोटी की उलझन में…

अपनों ने मुझको रुलाया बहुत है | Rulaya Bahut hai

अपनों ने मुझको रुलाया बहुत है | Rulaya Bahut hai

अपनों ने मुझको रुलाया बहुत है ( Apno ne mujhko rulaya bahut hai )   वफ़ा से ही रिश्ता निभाया बहुत है किसी को यूं अपना बनाया बहुत है जो तकलीफ दिल को बहुत हो रही अब किसी से यहाँ दिल लगाया बहुत है वही मेरे ऊपर हंसा है यहाँ तो जिसे हाल दिल का…

Vo Chahe

वो चाहें हो कुछ हंगामा | Vo Chahe

वो चाहें हो कुछ हंगामा ( Vo chahe ho kuch hungama )   वो चाहें हो कुछ हंगामा, बन जाए कोइ फसाद नया ! इस पावन भू में फैल सके, कोई हिंसक उन्माद नया !! मतलब की बातों के बदले, मुद्दे बेमतलब उठा रहे अपनी ही बनाई बातों पर,करने लगते प्रतिवाद नया !! कहते खुद…

Hindi Ishq Shayari

इश्क़ करके गुनाह करते हैं | Hindi Ishq Shayari

इश्क़ करके गुनाह करते हैं ( Ishq karke gunah karte hain )    जिस्म की जो भी चाह करते हैं इश्क़ करके गुनाह करते हैं राब्ते हर किसी के बस में कहां करने वाले निबाह करते हैं एक लड़की के प्यार में लड़के ज़िंदगी क्यों तबाह करते हैं दर्द समझा है कौन ग़ज़लों में करने…

Amit ki Ghazal

अमित की ग़ज़ल | Amit ki Ghazal

अमित की ग़ज़ल ( Amit ki GHazal )   साथ मेरे चली है ग़ज़ल ज़िंदगी भर कही है ग़ज़ल गुफ़्तगू रोज़ करती रही दिलरुबा सी लगी है ग़ज़ल ग़ैर का दुख भी अपना लगे मुझमें शायद बची है ग़ज़ल कैसे कह दूँ मैं तन्हा रहा ? साथ मेरे रही है ग़ज़ल ज़हनो दिल से जो…

Gujara hai Aajkal

गुजारा है आजकल | Gujara hai Aajkal

गुजारा है आजकल ( Gujara hai aajkal )    चुपचाप रहोगे तो गुजारा है आजकल बर्बाद ये निज़ाम ही सारा है आजकल। हर आदमी की शख़्सियत में राज सौ छिपे कैसे बताएं कौन हमारा है आजकल। कमबख़्त दिल है ढीठ तलबग़ार उन्हीं का उनपर ही दिलो जान से हारा है आजकल। मशहूर हैं जनाब जमाने…

Inkaar Shayari in Hindi

इनकार पर | Inkaar Shayari in Hindi

इनकार पर ( Inakaar par )    जो मुकाबिल था सरे बाजार पर। रो पड़ा वो आपके इनकार पर। दम जमाने में नही जो मिटा दे, लिख गया जो इश्क की दीवार पर। फैसला समझे बिना जब कर लिया, ऐब अब क्या देखना सरकार पर। कत्ल जो इतने हुए उनका सबब तिल बड़ा कातिल खड़ा…

Aitbaar Shayari

ऐतबार रखना तू | Aitbaar Shayari

ऐतबार रखना तू ( Aitbaar rakhna tu )   ज़रा दिल मेरी तरह बेक़रार रखना तू ? वफ़ा मुहब्बत में ही इंतिज़ार रखना तू कभी शक करना नहीं वफ़ा मुहब्बत पर वफ़ाओ पर उम्रभर ऐतबार रखना तू परायी करना नहीं तू मुझे दिल से अपने बसाकर दिल में हमेशा यार रखना तू बदल न जाना…