शराब | Sharab

शराब | Sharab

शराब ( Sharab )    शराबियों की महफ़िल सजी हर जगह यारों, एक दूसरे को फायदा बताते हर जगह यारों। भूल कर भी कोई नुक्सान नहीं बताते है, कहते हैं कई बिमारियों को मिटाती है यारों। दवा का भी सम्मिलित काम करती है यह , सीमा में रह कर पीये और पिओ मापकर यारों। ज्यादा…

Muhabbat ki Poetry

मुहब्बत का गुल | Muhabbat ki Poetry

मुहब्बत का गुल ( Muhabbat ka gul )    करे तेरा रोज़ ही इंतिज़ार है गीता हुआ दिल तो खूब ही बेक़रार है गीता ख़फ़ा होना छोड़ दे तू मगर ज़रा दिलबर मुहब्बत की ही कर देगी बहार है गीता बना ले तू उम्रभर के लिये अपना मुझको मुहब्बत में तेरी डूबी बेशुमार है गीता…

कितने आलोक समाये हैं | Kitne Alok

कितने आलोक समाये हैं | Kitne Alok

कितने आलोक समाये हैं ( kitne alok samay hai)    तुमने जो निशिदिन आँखों में आकर अनुराग बसाये हैं हम रंग बिरंगे फूल सभी उर-उपवन के भर लाये हैं हर एक निशा में भर दूँगा सूरज की अरुणिम लाली को बाँहों में आकर तो देखो कितने आलोक समाये हैं प्रिय साथ तुम्हारा मिलने से हर…

मुस्कुराना छोड़ दूं | Muskurana Chhod Doon

मुस्कुराना छोड़ दूं | Muskurana Chhod Doon

मुस्कुराना छोड़ दूं ( Muskurana chhod doon )    वो ख़फ़ा गर हैं तो क्या मैं मुस्कुराना छोड़ दूं। खौफ़ से उनके मैं क्या नग़मे सुनाना छोड़ दूं। ठीक है सरकार की नज़रे इनायत चाहिए क्या मगर इसके लिए सारा जमाना छोड़ दूं। लाख कोशिश की मगर फिर भी नहीं खुश है कोई क्या करूं…

अच्छा लगा | Acha Laga

अच्छा लगा | Acha Laga

अच्छा लगा ( Acha laga )    अजनबी बनकर गुज़रने का हुनर अच्छा लगा इस रवय्ये ने दुखाया दिल, मगर अच्छा लगा दोस्तों को है मुहब्बत मुस्कराहट से मेरी दुश्मनों को मैं हमेशा चश्म तर अच्छा लगा जितने भी आसान रस्ते थे न माफ़िक आ सके ज़िंदगी में मुश्किलों वाला सफ़र अच्छा लगा तुम भी…

सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना | Sunaoon ab Kise Haal – E – Dil Apna

सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना | Sunaoon ab Kise Haal – E – Dil Apna

सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना ( Sunaoon ab kise haal e dil apna )    ख़ुशी के ज़ीस्त में साये नहीं है ! गमों के क्यों ढ़लते लम्हे नहीं है उदासी में कटे दिन इसलिये ही यहाँ दिन भी मगर अच्छे नहीं है सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना यहाँ वो अब मगर रहते…

Kam samajhta hai

कम समझता है | Kam Samajhta hai

कम समझता है ( Kam samajhta hai )   दिलों की बात क्यूं जाने वो अक्सर कम समझता है मेरी फितरत है शोला सी मुझे शबनम समझता है। मुझे डर है कि उसका ज़ख़्म मत नासूर बन जाए वो पगला दोस्तों को ज़ख़्म का मरहम समझता है। जरा इंसान की नाशुक़्रियों पर गौर करिए तो…

खूब उसने जफ़ा की | Jafa Shayari

खूब उसने जफ़ा की | Jafa Shayari

 खूब उसने जफ़ा की ( Khoob usne jafa ki )   रोज़ जिससे दोस्ती में वफ़ा की साथ उसने रोज़ मुझसे दग़ा की भूल जाऊं बेवफ़ा को हमेशा खूब रब से रोज़ मैंनें दुआ की याद के उसकी भरे ज़ख्म कब है खूब ज़ख्मों की यहाँ दवा की देखिये वो बेवफ़ा की निग़ाहे प्यार की…

Kyon ki Shayari

क्यों गले से लगाया मुझे | Kyon ki Shayari

क्यों गले से लगाया मुझे ( Kyon gale se lagaya mujhe )    ख़्वाब से जब जगाया मुझे उसने गमगीन पाया मुझे वो सितमगर बहुत देर तक देखकर मुस्कुराया मुझे कोई मंज़िल न रस्ता कोई दिल कहां लेके आया मुझे खुद न लैला बनी उसने पर एक मजनूं बनाया मुझे जब बिछड़ना जरूरी था फिर…

कृष्ण कन्हाई | Krishna Ghazal

कृष्ण कन्हाई | Krishna Ghazal

कृष्ण कन्हाई ( Krishna Kanhai )    किशन बाँसुरी तूने जब भी बजाई तिरी राधिका भी चली दौड़ी आई नहीं और कुछ देखने की तमन्ना तुम्हारी जो मूरत है मन में समाई हुई राधिका सी मैं भी बाबरी अब कथा भागवत माँ ने जब से सुनाई रहे भक्त तेरी शरण में सदा जो भंवर से…