मुक्तक | Muktak
मुक्तक ( Muktak ) 1 सच जो लिख न सके वो कलम तोड़ दो, ये सियासत का अपने भरम तोड़ दो, इन गुनाहों के तुम भी गुनहगार हो, यार सत्ता न संभले तो दम तोड दो।। 2 भटक रहा हूँ मैं अपनी तिश्नगी के लिए.. ज़रूरी हो गया तू मेरी जिन्दगी के लिए.. फक़त…
मुक्तक ( Muktak ) 1 सच जो लिख न सके वो कलम तोड़ दो, ये सियासत का अपने भरम तोड़ दो, इन गुनाहों के तुम भी गुनहगार हो, यार सत्ता न संभले तो दम तोड दो।। 2 भटक रहा हूँ मैं अपनी तिश्नगी के लिए.. ज़रूरी हो गया तू मेरी जिन्दगी के लिए.. फक़त…
शर्मनाक स्थिति ( Sharmanak sthiti ) ऐसे पिट रहा है साहेब का विदेशों का डंका, आग लगा के रख दी स्वयं की लंका। शवों पर चढ़ शान से सवारी करते रहे, आॅक्सीजन के अभाव में भले हम दम तोड़ते रहे। बिछ गई लाशें चहुंओर, पर थमा ना चुनाव और नारों का शोर। अब मद्रास…
यादें ( Yaaden ) जाती है तो जाने दों,यह कह नही पाया। नयनों के बाँध तोड़ के, मैं रो नही पाया। वर्षो गुजर गए मगर, तू याद है मुझको, मै भूल गया तुमको, ये कह नही पाया। दिल का गुबार निकला तो,शब्दों में जड दिया। तुम जैसी थी इस दिल में तुझे,वैसा गढ़ दिया।…
उम्मीदों का साथ ना छोड़ो ( Umeedon ka sath na chhodo ) कैसी लहर दुबारा आई काली रात अमावस छाई महामारी ये कहर कोरोना संघर्ष में ना धीरज खोना दिल खोलो दिलदार बनो सब फौलादी हथियार बनो अब आज लड़ना महामारी से एक भयानक बीमारी से अभाग्य का भांडा फोड़ो उम्मीदों का…
महामारी ( Mahamari ) विकट समय में आज परीक्षा मानवता के नाम की चंद सांसों का खेल सारा संपदा किस काम की भूखे को भोजन मिल जाए क्या करना भंडार का अच्छे कर्मों की चर्चा चलती कहना है संसार का रोगी को दवा और सेवा मिल जाए अच्छी बात मानवता अब गर्त में सोई…
हल्ला बोल ( Halla Bol ) बोल मजूरे, हल्ला बोल ! खोल के रख दे सबकी पोल सारी दुनिया हो रही डाँवाडोल सोई जनता की आँखें खोल बोल मजूरे, हल्ला बोल । पहले तोल, फिर कुछ बोल दिमाग़ों के बंद दरवाज़ें खोल अब ना होने देंगे कोई झोल अंदर-बाहर के सच को टटोल ।…
ऐसा कौन करता है? ( Aisa kon karta hai ) तीव्र ज्वर में, भीषण दर्द में। घर में घर पर ही- जो कोई अपना पुकारे, क्या छोड़ देंगे उसे ईश्वर के सहारे? पीड़ा से भरा वह चीख रहा था, नजरों से अपनों को ढ़ूंढ़ रहा था। सभी थे पास, फर्क ना पड़ रहा था…
कर्म ही धर्म है ( Karam hi dharam hai ) मैं धार्मिक आदमी हूं मुझे पसंद है मिट्टी की मूर्तियां मंदिर मस्जिद- गिरिजा गुरूद्वारा बनाना स्तुतियां करना धार्मिक परंपराओं को निभाना टीवी मीडिया में दिखाना बढ़ा चढ़ाकर बताना किसी अन्य चीज पर कभी ध्यान न देना बस अपने अल्लाह गाॅड भगवान में व्यस्त रहना…
कोरोना का कहर ( Corona ka kahar ) हर सिम्त चल रही है,बस मौत की हवा। थम जाये कोरोना, अब कीजिए दुआ। संकट में नौकरी है,दहशत में ज़िन्दगी, आई है कहर बनके,यह बला सी वबा। भयभीत हैं सब लोग,दुबके हैं घरों में, खता किसी की है,हमको मिली सजा। उपचार के…
शौर्य ( Shaurya ) बढ़ चले मतवाले रण में पराक्रम दिखलाने को अरि दल से लोहा लेने को वंदे मातरम गाने को वीर वसुंधरा जननी वीरों की शौर्य साहस से भरपूर बारूद की भाषा में करते मंसूबे दुश्मन के चूर डटकर रहते सीमा पर समर के वो सेनानी तलवारों की पूजा होती…