अपना भारत फिर महान हो जाता

अपना भारत फिर महान हो जाता

अपना भारत फिर महान हो जाता ********   ऊंची मीनारों में रहने वालों जरा रहकर इक व्रत देख लेते एहसास हो है जाता  भूख होती है क्या? मजलूम मजदूरों का निवाला  छीन कर खाने वालों, एहसास हो है जाता भूख से बिलखते बच्चों की भूख होती  है क्या? इन बच्चों में जो देख लेते  अपना…

बरसाती मेंढक

बरसाती मेंढक!

बरसाती मेंढक! *** माह श्रावण शुरू होते ही- दिखते टर्र टर्र करते, जाने कहां से एकाएक प्रकट होते? उधम मचाते, उछल कूद करते। कभी जल में तैरते, कभी निकल सूखे पर हैं धूप सेंकते। माह दो माह खूब होती इनकी धमाचौकड़ी, लोल फुला फुला निकालते कर्कश ध्वनि। इन्हें देख बच्चे खुश होते, तो कभी हैं…

रक्षक

रक्षक

रक्षक जन्म लेकर जब वह आंख खोलती है देख कर दुनिया जाने क्या सोचती है   भरकर बाहों में है प्यार से उठाता शायद इसे ही मां कहा जाता   चारों तरफ है लोगों की भीड़ किससे कौन सा रिश्ता नाता   कोई भाई, चाचा कोई तो कोई मेरा पिता कहलाता मैं तो ढूंढूं उसे…

निद्रा

निद्रा

निद्रा     शांत क्लांत सुखांत सी पुरजोर निद्रा। धरती हो या गगन हो हर ओर निद्रा।।   विरह निद्रा मिलन निद्रा सृष्टि निद्रा प्रलय निद्रा, गद्य निद्रा पद्य निद्रा पृथक निद्रा विलय निद्रा, आलसी को दिखती है चहुंओर निद्रा।।धरती०   सुख भी सोवे दुख भी सोवै सोना जग का सार है, सोना ही तो…

नवरात्र

नवरात्र

नवरात्र (नवरात्र पर विशेष )     भूलो मत अपना नाता । माता-पिता जिसे भुला दे बालक जग में चैन कहां पाता।।   ममतामयी तुम करूणामयी तुम प्रेम तुम्हारा विख्याता। कपूत को भी गले लगाती शरण तुम्हारी जो आता ।।   रक्तबीज हो या महिषासुर सामने तेरे जो जाता। महाकाली के तेज के आगे कोई…

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आईना

आईना आईना बनकर लोगों के अक्स हूं दिखाता बहुत साधारण और हूं सादा न दिखाता कभी कम न ज्यादा जो है दिखता हू-ब-हू वही हूं दिखाता। लेकिन न जाने क्यों? किसी को न सुहाता? जाने ऐसा क्या सबको है हो जाता? तोड़ लेते हैं झट मुझसे नाता! होकर तन्हा कभी हूं सोचता कभी पछताता मैं…

सत्यमेव जयते

सत्यमेव जयते

सत्यमेव जयते     विजय   सत्य   की  होती है, आए कठिनाई कितनी भी।।   सत्य   ही   जीवन  का  सार शक्ति       इसकी     बेशुमार महिमा    इसकी    अपरंपार कुंद   पङे  ना  इसकी   धार लङ   के   हार   जाती   सब है  यहां   बुराई   जितनी भी। विजय    सत्य   की  होती है, आए  कठिनाई कितनी भी।। l   ‘राम’-‘कृष्ण’ का जीवन देखा…

तुम न जाओ

तुम न जाओ

तुम न जाओ   सूने उपवन में गहन घन प्रीति गाओ तुम न जाओ।। मेरे अन्तर्मन अभी तुम रुक भी जाओ तुम जाओ।।   स्वाती बिन प्यासा पपीहा देखा होगा, रात भर जगती चकोरी सुना होगा, मैं तना हूं तुम लता बन लिपट जाओ तुम न जाओ।।तुम न०   प्रेम तो एक हवा का झोंका…

हे राम!

हे राम | Hey Ram

हे राम! ** कर जोड़ करूं तेरा वंदन, हे रघुनंदन ! हे रघुनंदन। दशरथ-कौशल्या के नंदन, तीनों लोक करे तेरा वंदन; महादेव इन्द्र ब्रह्मा भी करें पूजन। अतातायियों के हो संहारक, सतपथ के हो सृजन कारक। दुष्ट पापियों के हो काल, दशानन के हमने देखें हैं हाल। लंका जलाकर खाक किए, विभीषण राज्य स्थापित किए।…

उम्मीद

उम्मीद

उम्मीद   शांत सी जिंदगी में फिर से शोर होगा इस अंधेरी दुनिया में फिर कोई भोर होगा। इसी उम्मीद में देखो कितनी बड़ी हो गयी मैं थोड़ी मासूम तो थोड़ी नकचढ़ी हो गयी मैं। कुछ अपनों को जाते देखा तो परायों को आते देखा। जिंदगी क्या है, लोगों से सुनते देखा पर असल जिंदगी…