नारी : एक स्याह पक्ष

नारी : एक स्याह पक्ष ! ( दोहे )

नारी : एक स्याह पक्ष ! ( मंजूर के दोहे ) ******* १) नारी नारी सब करें, किसी की यह न होय। उद्देश्य पूर्ति ज्यों भयो, पहचाने ना कोय।। २) नारी सम ना दुष्ट कोई, होवे विष की खान। दयी लयी कुछ निपट लो,संकट डाल न जान।। ३) त्रिया चरित्र की ये धनी,करें न कभी…

उम्मीद के चिराग

उम्मीद के चिराग

उम्मीद के चिराग ***** उम्मीद के चिराग जलाए रखिए, मन-मानस में सदैव संजोए रखिए। लाएगी सुंदर सुखद खबर शीघ्र- ना होईए अधीर; बदल देगी पल में बिगड़ी हुई तकदीर। उम्मीद का चिराग- आशा है , किरण है , सपना है, इसकी ताक में सदा रहना है। देखें कब यह जलता है? आपका किया हुआ कैसे…

शिक्षा

शिक्षा

शिक्षा ** जीवन का अंग है हर प्राणी के संग है जीने का ढंग है जरूरी है मजबूरी है बिना इसके हर जिंदगी अधूरी है। मानव को छोड़ कर सभी प्राणी अपनी संतान को जीवन की शिक्षा उड़ने तैरने शत्रु से बचने की शिक्षा फूलों से शहद बनाने की शिक्षा बिना लिपि भाषा श्यामपट्ट- और…

याद तेरी जब आती है

याद तेरी जब आती है

याद तेरी जब आती है ***** पुलकित हो जाए रोम रोम, सतरंगी दिखे है मुझको व्योम। रवि की रश्मियां नहला जातीं, व्यथित मन भी बहला जातीं। प्रेम सागर में गोते लगाएं, कभी डूबें कभी उतराएं। संगम चाहे व्याकुल मन, बिन तेरे न लागे मन। लुटा दूं तुम पर जीवन धन, महक उठता है कण कण।…

न्याय

न्याय

न्याय ** गरीब मजलूमों को अब न्याय नहीं मिलता! मिलतीं हैं सिर्फ धमकियां! मुकदमा वापस ले लो.. वरना ? तो क्या करें? रो रहे हैं सिसक रहे हैं बहा रहे हैं आंसू बंद कर घर की दरवाजे खिड़कियां। सुना है ! कचहरियों में भी अब न्याय नहीं मिलता रंगीन कागजों के बदले में है बिकता!…

हम जिंदा हैं

हम जिंदा हैं

हम जिंदा हैं   हम जिंदा हैं क्योंकि हमारे जिंदा रहने के कारण हैं   भले ही हमारी रगों का लहू सूख चुका है हमारे कानों तक नहीं पहुंचती कोई चीख पुकार ना ही कोई आहो बका   हम नदी के कगारों पे खड़े ठूंठ हैं   हम खामोश हैं क्योंकि हम दर्शक हैं  …

दिवाली फिर आई | Deepawali kavita in Hindi

दिवाली फिर आई | Deepawali kavita in Hindi

दिवाली फिर आई 1 हर दिल अज़ीज, सदियों पुरानी, त्यौहारों की रानी, दिवाली फिर आई। 2 उर्ध्वगामी लौ से, सतत विकास करने, पुरातन को शोधने, दिवाली फिर आई। 3 ज्ञान के आलोक से, अज्ञान-तम मिटाती, हृदय ज्ञान जगाती, दिवाली फिर आई। 4 मति-देव का पूजन, महालक्ष्मी आरती, दरिद्रता दूर भगाती, दिवाली फिर आई। 5 सकल…

खादी एक शान है

खादी एक शान है | Khadi

खादी एक शान है   खादी एक शान है, खादी एक सम्मान है। स्वाभिमान है खादी, खादी एक सद विचार है। देसी धागों से बना हुआ, देश प्रेम मे सना। रेशम के तानों से तना, खादी एक सत्कार है।   गांधी जी का जीवन दर्शन है, अपना तो दर्पण है, समर्पण है। तन ढकने को…

गांधी बनना आसान नहीं

गांधी बनना आसान नहीं

गांधी बनना आसान नहीं ******* गांधी बनने को, गांधी का धर्म- गांधी का कर्म निभाना होगा, सत्य अहिंसा को भी अपनाना होगा। आज ! इस मार्ग पर चलना आसान नहीं, गांधी बनना आसान नहीं। सच्चाई की राहों पर- देखो कितने हैं अवरोध? बाहर की पूछे कौन भला- घर में ही हैं बड़े विरोध। शुद्ध सात्विक…

घूंघट न होता तो कुछ भी न होता

घूंघट न होता तो कुछ भी न होता

घूंघट न होता तो कुछ भी न होता   न सृष्टि ही रचती न संचार होता। घूंघट न होता तो कुछ भी न होता। ये धरती गगन चांद सूरज सितारे, घूंघट के अन्दर ही रहते हैं सारे, कली भी न खिलती न श्रृंगार होता।। घूंघट ० घटायें न बनती न पानी बरसता, उर्ध्व मुखी पपिहा…