मातृभाषा को समर्पित

Hindi Diwas Poem | मातृभाषा को समर्पित

मातृभाषा को समर्पित ( Matri bhasha ko samarpit )  ***** ( विश्व हिंदी दिवस पर )   हे विश्व विभूषित भाषा हिंदी, संस्कृत से जन्म जो पाई, महिमा महान जग छाई।। शुत्र चतुर्दश माहेश्वर के, शिव डमरू से पाया। ऋषी पांणिनी व्याख्यायितकर, आभूषण पहनाया। बावनवर्णों से वर्णांका की शोभा हो बढ़ाई, महिमा महान जग छाई।।…

यही जीवन है

Hindi Poetry On Life | Hindi Ghazal -यही जीवन है!

यही जीवन है! ( Yahi Jeevan Hai ) ***** जीवन पथ में कभी कभी कुछ ऐसा होता है रोम रोम क्षण में पुलकित होता है। धूम धड़ाका पार्टी शार्टी गाजे बाजे संग बाराती प्रीतिभोज की होती तैयारी अधरो पर मुस्कान बिखर जाती चहुंओर खुशियां ही खुशियां नजर है आती। तो कभी एक पल में कर…

हिंदी हम को प्यारी है

Hindi Diwas Poem | Hindi kavita -हिंदी हम को प्यारी है

हिंदी हम को प्यारी है ( Hindi Humko Pyari Hai )   हिंदी हमको प्यारी है, हर भाषा से न्यारी है। तन मन धन सब मेरा, यह तो जान हमारी है।।   मां की ममता में हिंदी, पिता की झमता में हिंदी। पति पत्नी के प्यार में , जीवन के हर कार्य में हिंदी।।  …

कहने को नया साल है

कहने को नया साल है

कहने को नया साल है   कहने को नया साल है, मेरा तो वही हाल है। वही दिन महीने वही खाने-पीने वही मरना जीना जिंदगी का जहर पीना वही जी का जंजाल है .. कहने को नया साल है.. वही मन में सपने जो पूरे नहीं अपने जिसके लिए मन प्यासा हर साल नयी आशा…

America Me Yah Kya Ho Gaya

अमेरिका में यह क्या हो गया?

अमेरिका में यह क्या हो गया? *********   एक झटके में खो दिया प्रतिष्ठा पुरानी, याद करो सन् 1489 वाली लोकतंत्र की कहानी। जार्ज वाशिंगटन ने रखी थी जिसकी नींव, जड़ें जिसकी गहरी थीं अतीव। जनतंत्र का पोषक वह! नाम पर इसके, न जाने कितने देशों को डराया धमकाया; परिवर्तन सत्ता का कराया? कालचक्र में…

इधर भी उधर भी

इधर भी उधर भी

इधर भी उधर भी ****** सब सम सा हो रहा है, लिए पताका कोई व्हाइट हाउस- तो कोई मस्जिद पर चढ़ रहा है। देता था जो दुनिया को जनतंत्र की दुहाई, चंद सिरफिरों ने उसकी करा दी जगहंसायी। देखो तो कैसे कैपिटल सिटी में? धमाके हो रहे हैं, मशालें लिए उस ऐतिहासिक इमारत पर- चढ़…

कलम का जादू चलाओ

कलम का जादू चलाओ

कलम का जादू चलाओ लिखने वालों कलम उठाओ लो तेरी सख्त जरूरत है बदलनी देश की सूरत है गर रहे अभी मौन सोचो आगे संभालेगा कौन? नवजवानों किसानों आमजन की खातिर लिखो, कुछ दो सुझाव, जो उनके हक की है बताओ , समझाओ। करो रहनुमाई, क्या है इस बदलती आबो-हवा की दवाई? कैसे पटरी पर…

कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए

कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए

कभी यूँ ही अपने मिजाज बदला कीजिए कभी यूं ही अपने मिजाज बदला कीजिये  दिल मांगे आपका तो जाँ निसार कीजिये हंसते हसते जिन्दगी  की शाम हो जायेगी बीती रात की सुबह का इन्तजार कीजिए   आकाश सूना दिखे तारे हो खामोश जहाँ धीमे से मध्यम झरनों सी रागनी सुना फूल गुलिस्ता में खिलखिलाकर जब…

होगा निश्चय सबेरा

होगा निश्चय सबेरा

होगा निश्चय सबेरा   अधिकार है सबको जीने का राजा रंक और फकीर, तृप्त होता कोई ख़्वाब देखकर हँसकर काटता कोई गम के जंजीर। लाख उलझनें हो जीवन में ख़्वाब सभी सजाते हैं, किसी के ख़्वाब पूरे होते किसी के अधूरे रह जाते हैं। नीद में देखता ख़्वाब कोई कोई सो नही पाता है, न…

आओ रुक जायें यहीं

आओ रुक जायें यहीं

आओ रुक जायें यहीं   आओ रुक जाए यही कुछ सुकून तो मिले रफ्ता रफ्ता जिंदगी से कुछ निजात मिले   हम भी बहके से चले राहे उल्फत में कभी याद करते हैं तुम्हें कहाँ भूले हैं अभी   बात वो रुक सी गई बात जो कह ना सकी दिल ऐ आइने में अभी एक…