वफा के नाम पे धोखे

वफा के नाम पे धोखे जहां में जो भी खाते है

वफा के नाम पे धोखे जहां में जो भी खाते है     वफा के नाम पे धोखे जहां में जो भी खाते है। निगाहों में सदा आंसू दिलों में दर्द पाते है।।   खुशी से फिर नहीं मिलते जमाने में किसी से वो। हँसेगे लोग सारे ही गमों को यूं  छुपाते है।।   पुकारो…

याद आता है

याद आता है

याद आता है   सर्दी की गुनगुनी धूप में वो तेरा पार्क में बैठ तेरा अपनी आँखों से मुझे अनिमेष तकना और मेरा हाथ थामना याद आता है……   तुम्हारा मेरी हथेलियों में अपना हाथ थमा देना अपनी उंगलियों को मेरी उंगलियों में उलझा देना और फ़िर धीरे धीरे अपनी उंगलियों से मेरी हथेली पर…

करवा चौथ

करवा चौथ | Hindi poem On karwa chauth

करवा चौथ ( Hindi poem On karwa chauth )   चाँद का कर लूं सनम दीदार मैं प्यार से जो बंधा करवा चौथ है   उसकी चूड़ी उसकी देखो बिंदिया  मुस्कुराती  सूरत करवा चौथ है   हो गया दीदार अपनें चाँद का प्यार का आया वो करवा चौथ है   सज गयी है चाँद की …

पढ़ें लिखे मुख्यमंत्री का फायदा

पढ़ें लिखे मुख्यमंत्री का फायदा

पढ़ें लिखे मुख्यमंत्री का फायदा ******** जनता का देश का है फायदा ही फायदा जो पुल सड़क निर्माण में करोड़ों है बचाया वादा जो किया निभाया आम आदमी में एक उम्मीद जगाया बेटा बन बुजुर्गो का रखा ख्याल पहुंचाया घर राशन हर हाल जो कहे सो करे! जनता के लिए सड़क पर भी आ लड़े…

पढ़ पाऊँ

पढ़ पाऊँ

पढ़ पाऊँ   हमेशा से ही मेरी हरसत रही है ये कि मैं भी कभी देखूँ किसी को सामने बैठा कर उसकी झील सी आँखों में अपने को डुबो कर….! एक ख्वाहिश ही रही कि उसकी आँखों को पढ़ पाऊँ क्या लिखा है उसके दिल में क्या चाहत है उसकी क्या दर्द है उसकी आँखों…

थोड़ा उदास हूँ

थोड़ा उदास हूँ

थोड़ा उदास हूँ   पिछले कई दिनों से मन थोड़ा #उदास रहने लगा है समझ नहीं आ रहा कि क्या करें हम एक ही बात बार-बार #मन में हर बार आ रही है कि हर बार मेरे ही साथ ऐसा क्यूँ होता है..?   उन्हीं की बातों को #दिल से लगाकर विचारों की #मथनी चलती…

मन जीता,जग जीता

मन जीता जग जीता | Man Jeeta

मन जीता,जग जीता ( Man jeeta jag jeeta )    मन की मुराद होत न पूरी अनन्त का है सागर, एक बाद एक की चाहत होता रहता उजागर। चंचल मन चलायमान सदैव चितवत चहुंओर, चाहत ऐसे सुवर्ण सपनें जिसका न है ओर। मन के वश में हो मानव इधर-उधर धावत है, सुख त्याग,क्लेश संजोए, समय…

शायद हम बच्चे हो गए

शायद हम बच्चे हो गए

शायद हम बच्चे हो गए   शायद हम बच्चे हो गए शायद अब हम बच्चे हो गए       क्यूंकि      अब बच्चे बड़े हो गए…. अब न सुबह जल्दी       उठने की हड़बड़ी….. न जल्दी खाना     बनाने की फरमाइशें…. न बजट की खींचातानी    न कल की चिंता…..  न तर्क करता कोई      न…

प्रियवर

प्रियवर

प्रियवर   मेरे तन मन प्रान महान प्रियवर। प्रात:सांध्य विहान सुजान प्रियवर।।   इस असत रत सृष्टि में तुम सत्य हो, नित नवीन अनवरत पर प्राच्य हो, मेरे अंतस में तुम्हारा भान प्रियवर।।प्रात:०   ललित वीणा तार तुमसे है सुझंकृत, ये षोडस श्रृंगार तुमसे है अलंकृत, प्रेयसी का मान स्वाभिमान प्रियवर।।प्रात:०   प्रणयिका बन चरण…

सुनो

सुनो

सुनो   तुम्हें हर बार #सोचना और- सोचते रहना #बदन में एक #सिहरन सी उठती है तुम्हें याद करके एक तो #शीत और- दूसरा तुम्हें #महसूस करना अक्सर #दर्द जगा जाता है…. #तन्हाइयां भी असमय घेर लेती है आकर उठते दर्द को ओर बढ़ा जाती है टूटता #बदन #बेहिसाब #बेसबब #अहसास करा जाता है बस……..