आनंद के पल | Kavita Anand ke Pal

आनंद के पल | Kavita Anand ke Pal

आनंद के पल ( Anand ke Pal ) जीवन की खुशीयों का मोल समझो। अपने परायें के सपनों को समझो। प्यार मोहब्बत की दुनिया को समझो। और समय की पुकार को समझो।। मन के भावों को समझते नही। आत्म की कभी भी सुनते नही। दुनिया की चमक को देखते हो। पर स्वयं को स्वयं में…

विनती करो स्वीकार माँ | वंदना

विनती करो स्वीकार माँ | वंदना

विनती करो स्वीकार माँ हे शारदे ,वंदन नमन विनती करो , स्वीकार माँ । शुचिता सदा ,उर में भरो प्रज्ञा सुफल , शृंगार माँ ।। श्वेतांबरा ,कर मति विमल अंतर बहे ,धारा तरल । दे लक्ष्य अब ,पावन सकल भर शक्ति रस ,हर भव गरल ।। हो स्नेह की ,भाषा नयन उर में भरो ,संस्कार…

आम

आम | Aam

आम ( Aam ) आम सब फलों का राजा मीठा रसीला फलों का राजा जून में लग जाता जोरदार खट्टा मीठा फलों का राजा नाम दाम रंग रूप अनेक स्वाद सुंदर फलों का राजा दशहरी हापूज़ तोता पुरी ताज़ा लंगड़ा केस़र फलों का राजा मिश्री से मीठा मधुर ज़ायक़ा कच्चा पक्का फलों का राजा कच्चे…

धरती की व्यथा | Kavita Dharti ki Vyatha

धरती की व्यथा | Kavita Dharti ki Vyatha

धरती की व्यथा ( Dharti ki Vyatha ) मैं खुश थी जब धरती न कहला कर सूरज कहलाती थी तुममें समा तुम्हारी तरह स्थिर रह कर गुरुग्रह जैसे अनेक ग्रहों को अपने इर्द गिर्द घुमाती थी पर जबसे तुमने मुझे पृथक अस्तित्व में लाने का प्रण किया तभी से एक नित नया अहसास दिया ।…

मैं हैरान हूं | Main Hairan Hoon

मैं हैरान हूं | Main Hairan Hoon

मैं हैरान हूं ( Main Hairan Hoon ) मैं हैरान हूं, आखिर क्यों लोग? मौत का जिम्मेदार, बाबा को नहीं मान रहे , क्यों लोग मात्र , सेवादार और आयोजकों को, दोषी ठहरा रहे हैं। आखिर कौन सा डर , बाबा को दोषी मानने से , रोक रहा है । कहीं बाबा श्राप न देदे…

गाँव बिखर गया

गाँव बिखर गया | Kavita Gaon Bikhar Gaya

गाँव बिखर गया ( Gaon Bikhar Gaya ) जिंदगी का अब कोई भरोसा नही। कब आ जाये बुला हमें पता नही। इसलिए हँसते खेलते जी रहा हूँ। और जाने की प्रतिक्षा कर रहा हूँ।। जो लोग लक्ष्य के लिए जीते है। उनकी जिंदगी जिंदा दिल होती है। और जो लोग हकीकत से भागते है। जिंदगी…

हक की बात

हक की बात | Haq ki Baat

हक की बात ( Haq ki Baat ) पत्थर के सब देवता, पत्थर के जो लोग। होते सौरभ खुश तभी, चढ़ जाता जब भोग।। देकर जिनको आसरा, काटा अपना पेट। करने पर वो हैं तुले, मुझको मलियामेट।। टूटे सपना एक तो, होना नहीं उदास। रचे बढ़े या फिर करे, कोई नया प्रयास। अपने हक की…

जगन्नाथ भगवान की कहानी

जगन्नाथ भगवान की कहानी

जगन्नाथ भगवान की कहानी आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष द्वितीया शुभ दिन, निकलती है जगन्नाथ भगवान के सवारी। वर्ष भर में आता है एक बार , देखने को इसे भीड़ उमड़ती है भारी। साथ रहते भाई बलभद्र चक्र सुदर्शन, और है साथ लाडली बहना सुभद्रा प्यारी। पांव नहीं है छोटे हाथ अधगढ़ी सी मूरत, धन्य हुए…

विध्यालय का पहला दिन | First Day of School

विध्यालय का पहला दिन | First Day of School

विध्यालय का पहला दिन ( First Day of School ) आया आपकी शरण में गुरुजन…| प्यार से पुकार कर, पुचकार कर सम्हाल दो । मैं आपकी शरण में गुरुजन, मुझमें सुंदर विचार दो ।। हो जरुरत फटकार दो, झाड दो लताड़ दो। अपने पन की आश-प्यार, ज्ञान का प्रकाश दो ।। हूँ अभी मैं कोरा…

Kya Kavita Kya Geet

क्या कविता क्या गीत | Kya Kavita Kya Geet

क्या कविता क्या गीत ( Kya Kavita Kya Geet ) ऐसा लगता जीवन सारा, व्यर्थ गया हो बीत। क्या कविता क्या गीत। पीड़ाओं ने मुझको पाला, अभिशापों ने मुझे सम्हाला। अंधियारे भरपूर मिले हैं, अंजुरी भर मिल सका उजाला। आंख झपकते सदा किया है, सपनों ने भयभीत। क्या कविता क्या गीत। कैसा कथन कौन सी…