प्रथम पूज्य आराध्य गजानंद

गणेश स्तुति | Ganesh Stuti

गणेश स्तुति ( Ganesh Stuti )   कवि जन की कलम हो तेजस्वी कुछ ज्ञान प्रकाश दो गणपति जी निज सेवक जान अनुग्रह का वरदान दो मेरे गणपति जी हम सबके नाव खेवैया हो तुम पालक सृष्टि रचैया हो हो मातु पिता गुरु स्वामी तुम कण- कण में तुम्हीं बसैया हो संताप कष्ट हो या…

Poem on Banaras

काशी | Kavita Kashi

काशी ( Kashi )   वसुधा का सिंगार है काशी ज्ञान ध्यान भंडार है काशी बहती जहां गंग की धारा जिसका पावन कूल किनारा अर्धचंद्र शिव के माथे पर बहती चंद्राकार है काशी गायन वादन नृत्य विहंगम सुर लय ताल छंद का संगम मन को मुग्ध करें स्वर लहरी बना हुआ रसधार है काशी गूंज…

Ishq Dard Hai

इश्क दर्द है | Ishq Dard Hai

इश्क दर्द है  ( Ishq Dard Hai )   इश्क दर्द है इश्क जवानी है इश्क में हो रहा …. पानी-पानी है इश्क जान है इश्क जहान है इश्क महसूस करो तो इश्वर, अल्लाह, भगवान है इश्क न काला है इश्क न गोरा है इश्क में ………. ने बेदर्दी से खुद को पाला है इश्क…

आइसक्रीम | Kavita Ice Cream

आइसक्रीम | Kavita Ice Cream

आइसक्रीम ( Icecream ) आइसक्रीम तो सभी की पसंदीदा कहलाती है, सर्दी गर्मी बारिश हर मौसम में खायी जाती हैं। बचपन में मटका कुल्फी की टन टन हमें बुलाती थी, उसके पास पहले पहुँचने की होड़ हम में लग जाती थी। ऑरेंज, वनीला, रास्पबेरी मैंगो कितनी प्यारी लगती थी, सॉफ्टी कोन की तो फिर भी…

21 वीं सदी का यथार्थ

21 वीं सदी का यथार्थ

21 वीं सदी का यथार्थ देव संस्कृति देव भाषा देव लोक की विदाई मानव का प्रौद्योगिकीकरण जड-चेतन का निशचेतन छायावाद का प्रचलन चार्वाक का अनुकरण कृत्रिम इच्छा का सृजन कृत्रिम मेधा का उत्पादन बाजारों के बंजारें आत्ममुग्धता की उपभोक्तायें मानवता का स्खलन सभ्यता का यांत्रिकरण बिलगेटस,मस्क का खगोलीकरण अंबानी,अडानी का आरोहण मूल्यों-नीतियों का मर्दन रक्तबीजों…

Buddha

बुद्ध हो गयें । Buddh ho Gaye

बुद्ध हो गयें ( Buddh ho Gaye ) तन से मन से वचन से कर्म से मर्म से धर्म से जो शुद्ध हो गयें बुद्ध हो गयें। नरेन्द्र सोनकर ‘कुमार सोनकरन’ नरैना,रोकड़ी,खाईं,खाईं यमुनापार,करछना, प्रयागराज ( उत्तर प्रदेश ) यह भी पढ़ें :- माँ पर नरेन्द्र सोनकर की ४ कवितायेँ

बचा रहे गणतंत्र | Kavita Bacha Rahe Gantantra

बचा रहे गणतंत्र | Kavita Bacha Rahe Gantantra

बचा रहे गणतंत्र ( Bacha rahe gantantra )   अंतिम चरण बचा है अब तो, अपना मत दे डारो ! बिगड़ न जाए बात कहीं अब, अपनी भूल सुधारो !! रहे सुरक्षित गणतंत्र हमारा , लोभी नेताओं से ! देश बचाना है हम सबको , सेक्युलर मक्कारों से !! चूक गए तो, जिज्ञासु ‘जन’ ,…

जनता की जागरूकता आई काम

तभी बचेगा लोकतंत्र

तभी बचेगा लोकतंत्र   आओ हम संकल्प सभी लें , जन गण मन को जगानेका ! भारत मांता की गरिमा संग , लोकतंत्र बचाने का !! रावण ने की थी जो गल्ती , उसका क्या परिणाम हुआ ! धृतराष्ट्र में मोह के कारण , उसके कुल का नाश हुआ !! जयचंद की ईर्ष्या द्वेष के…

Kavita Nahi Ghabrana Hain

नहीं घबराना है | Kavita Nahi Ghabrana Hai

नहीं घबराना है ( Nahi Ghabrana Hain )   समय कि दिशा व दशा को देख नहीं घबराना है हर स्थिति से लड़ते आगे बढ़ते जाना है नहीं रखना मन में किना स्वच्छ सुंदर भाव जगाना है निश्छल तन, मन से राह पर बढ़ते जाना है आज कठिन है तो कल सुलभ होगा यही सोच…

Kavita Buddha Purnima

बुद्ध पूर्णिमा | Kavita Buddha Purnima

बुद्ध पूर्णिमा ( Buddha Purnima )   समरसता श्री वंदन, गौतम बुद्ध उपदेशों में धर्म कर्म आध्यात्मिक क्षेत्र, नर नारी महत्ता सम । जाति विभेद उन्मूल सोच, मानव सेवा परम धम्म । क्रोध घृणा द्वेष अनुचित, नेह समाधान उग्र आवेशों में। समरसता श्री वंदन,गौतम बुद्ध उपदेशों में ।। सम्यक दृष्टि संकल्प वचन, कर्म आजीविका परम…