हम अपने कर्तव्य निभाएं | Kavita Hum Apne Kartavya Nibhaye

हम अपने कर्तव्य निभाएं | Kavita Hum Apne Kartavya Nibhaye

हम अपने कर्तव्य निभाएं ( Hum Apne Kartavya Nibhaye )   उठें सुबह फिर निपट नहाएं ! पोलिंग बूथ पर जाकर अपने !! अपनो के संग वोट दे आएं ! हम अपने कर्तव्य निभाएं !! लोकतंत्र का जश्न मनाएं ! सोच समझ कर वोट है देना बहकावे में फिर ना आएं ! लोकतंत्र को सबल…

प्रवेशोत्सव कार्यक्रम सत्र 2024-25

प्रवेशोत्सव कार्यक्रम सत्र 2024-25

“प्रवेशोत्सव कार्यक्रम” सत्र 2024-25   अब कदम बढ़ने लगें,राजकीय विद्यालयों की ओर सहज सरस शिक्षण अधिगम, भौतिक सुविधा युक्त परिवेश । शिक्षा संग सुसंस्कार अनुपमा, नवाचार प्रविधि कक्षा समावेश । मोहक सोहक शैक्षिक गतिविधियां, हर प्रयास सकारात्मकता सराबोर । अब कदम बढ़ने लगें,राजकीय विद्यालयों की ओर ।। सुयोग्य कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकवृंद, विद्यार्थी गण जिज्ञासु संस्कारी ।…

Satpal Bhikhi

सतपाल भीखी : विचार धारा और मानवीय मूल्यों से जुड़ा संवेदनशील कवि

मूल पंजाबी कविता — सतपाल भीखी अनुवाद — डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक सतपाल भीखी पंजाबी काव्य क्षितिज के एक जगमगाते सितारे हैं। उनकी कविताएं विचारधारात्मक प्रौढ़ता से ओत-प्रोत तो हैं ही, साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति भी मज़बूती से प्रतिबद्ध हैं। उनकी कविताओं की सबसे बड़ी शक्ति है – जीवन की गहरी पकड़। यही…

Kavita Ugta Suraj

उगता सूरज | Kavita Ugta Suraj

उगता सूरज ( Ugta Suraj )   उगता सूरज हम सबको बस यही बताता है! हार न मानें ढलके भी फिर से उग आना है!! विमुख नहों कर्मों से अपने कभी न हिम्मत हारें! एक दिन हम इतिहास रचेंगे जब दृढ़ प्रतिज्ञ हों सारे!! मोती पाता वही है जग में जिसको जोखिम भाता! कर्मों से…

Kavita Raat Bhar

रात भर | Kavita Raat Bhar

रात भर ( Raat Bhar )   आकर भी आप करीब ठहरे नहीं क्यों पल भर बढ़ी धड़कनों में चलती रही हलचल रात भर गुजरती रही रात ,फ़लक लिए निगाहों में सन्नाटा भी चीरता रहा हो मानों मुझे रात भर सो गये होंगे आप बेखबरी की नींद के दामन में खोलते रहे गांठ हम आपकी…

अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया : आखा तीज

अक्षय तृतीया : आखा तीज   अक्षय तृतीया पर्व पर इस जीवन को पावन बनाये । पापों व तापों के हैं घेरे उनको ढहाते हुए चले । संसार सागर को पार कर मोक्ष की और बढ़ते चले । उमड़ती घटाएं है यहाँ कामना की , उफनती हैं नादियाँ यहाँ वासना की , हां , भूले…

वह पानी बेचता है | Kavita Wah Pani Bechta Hai

वह पानी बेचता है | Kavita Wah Pani Bechta Hai

वह पानी बेचता है ( Wah Pani Bechta Hai )   इस बचपन में वह बेचता है पानी ट्रेन में, बस में, धूप में, फुटपाथ पर । वह बेचता है पानी- एक रुपये के पोली बैग से लेकर पन्द्रह-बीस रुपये की बोतल में, अपनी जिंदगी के सुनहले सपने संजोए सजल आंसू वर्षाए ! ‘ जल…

Aalekh Maharashtra Diwas

महाराष्ट्र दिवस | Aalekh Maharashtra Diwas

कोकण, मराठवाडा, विदर्भ, खानदेश को शामिल कर २२९ तालुका वाले महाराष्ट्र राज्य की स्थापना १ मई, १९६० ई. को हुई थी, इसके पीछे की एक कहानी है। महाराष्ट्र के पहले प्रसिद्ध शासक सातवाहन (ई.पू. २३० से २२५ ई.) थे जो कि महाराष्ट्र के संस्थापक थे। अल्लाउद्दीन खिलजी से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने लंबे समय…

Kavita Konark Mandir

कोणार्क सूर्य मंदिर | Kavita Konark Mandir

कोणार्क सूर्य मंदिर ( Konark Surya Mandir )    वास्तुकला व डिजाइन का वो है ऐसा उदाहरण, समय की गति को दर्शाता सुंदर वहां पर्यावरण। काला पगोड़ा भी कहते इसे गहरे रंग के कारण, एस्ट्रोनोमी, आर्किटेक्चर का अद्भुत उदाहरण।। सूर्य देव की प्रथम किरण आती है इस मंदिर में, ७७२ वर्ष पुराना मंदिर है जो…

Kavita Pyari Paati

प्यारी पाती | Kavita Pyari Paati

प्यारी पाती ( Pyari Paati )   मां की आस पिता का संबल बच्चों की अभिलाषा! प्यारी पाती आती जब थी पुलकित घर हो जाता!! घरनी घरमें आस लगाए रहती बैठी ऐसे ! ‘जिज्ञासु’ चकोर चांद के लिए टक टकी लगाए जैसे!! सीमापर जवान को अपनी चिंता दूर भगाती ! बीवी बच्चे मात-पिता संग सबका…