यह भी कोई बात हुई

यह भी कोई बात हुई | Yeh Bhi koi Baat Hui

यह भी कोई बात हुई ( Yeh Bhi koi Baat Hui ) कुछ तो बोलो जान-ए-राह़त यह भी कोई बात हुई।तोड़ गए तुम अ़ह़्द-ए-उल्फ़त यह भी कोई बात हुई। एक ज़रा सा दिल क्या टूटा राहे मुह़ब्बत में दिलबर।भूल गए तुम नाज़ो नज़ाकत यह भी कोई बात हुई। मिलते तो हो हम से लेकिन दिल…

Kisi ke Ishq Mein

किसी के इ़श्क़ में | Kisi ke Ishq Mein

किसी के इ़श्क़ में ( Kisi ke Ishq Mein ) बेफ़ैज़ ज़िन्दगानी का अफ़साना बन गया।दिल क्या किसी के इ़श्क़ में दीवाना बन गया। फूलों के मिस्ल खिल गया हर ज़ख़्म का निशां।जो ज़ख़्म उसने दे दिया नज़राना बन गया। वो थे क़रीबे क़ल्ब तो ह़ासिल थे लुत्फ़ सब।जाते ही उनके घर मिरा ग़म ख़ाना…

तारीफ़ तेरे हुस्न की

तारीफ़ तेरे हुस्न की | Tarif Tere Husn ki

तारीफ़ तेरे हुस्न की ( Tarif Tere Husn ki ) तारीफ़ तेरे हुस्न की हर शाम करेंगेमहबूब तेरे इश्क़ में हम नाम करेंगे डरते न ज़माने से हुकूमत हो किसी कीइज़हार ए मुहब्बत भी सरे-आम करेंगे जो मोम था पत्थर हुआ दिलदार भी लेकिनखुद क़त्ल भी हों उसको न बदनाम करेंगे ऊँचा हो भले दाम…

रुख़ से चिलमन ज़रा क्या हटा दी

रुख़ से चिलमन ज़रा क्या हटा दी

रुख़ से चिलमन ज़रा क्या हटा दी रुख़ से चिलमन ज़रा क्या हटा दी।उसने बिजली सी दिल पर गिरा दी। ख़्वाबे ग़फ़लत में खोए हुए थे।जागे-जागे से सोए हुए थे।आन में रूबरू आ के हाए।नींद उसने हमारी उड़ा दी।रुख़ से चिलमन ज़रा क्या हटा दी।उसने बिजली सी दिल पर गिरा दी। मारे-मारे से फिरते थे…

चर्चा तेरी गली का

चर्चा तेरी गली का | Charcha Teri Gali Ka

चर्चा तेरी गली का ( Charcha Teri Gali Ka ) मुझ से ही चल रहा है चर्चा तेरी गली का कैसा महक रहा है रिश्ता तेरी गली का जब ख़ुद को भूलना भी आसान हो गया फिर क्यों याद आ रहा था नक़्शा तेरी गली का अब सारा शहर जिसकी लपटों में जल रहा है…

Daur-e-Jadid

दौर-ए-जदीद | Daur-e-Jadid

दौर-ए-जदीद ( Daur-e-jadid ) नफ़रत का दौर है न मुह़ब्बत का दौर है।दौर-ए-जदीद सिर्फ़ सियासत का दौर है। बातिल के साथ सैकड़ों, तन्हा है ह़क़ परस्त।कैसे कहूं यह दौर सदाक़त का दौर है। लहरा के क्यों न रक्खें क़दम वो ज़मीन पर।यह ही तो उनकी नाज़ो नज़ाकत का दौर है। जिस सम्त देखता हूं क़ज़ा…

Suna di Hamne

सुना दी हमने | Suna di Hamne

सुना दी हमने ( Suna di Hamne ) शम्अ उल्फ़त की जला दी हमनेपर सज़ा दिल को सुना दी हमने राह हमदम की सजा दी हमनेउनकी दुनिया ही बसा दी हमने रोशनी की थी जिन्होंने शब भरउन चरागों को दुआ दी हमने बन गया ग़ैर ज़माना लेकिनयार की यारी निभा दी हमने दौर-ए-हिज़्रा में भी…

हमें होश ऐसे भुलाए गए हैं

हमें होश ऐसे भुलाए गए हैं

हमें होश ऐसे भुलाए गए हैं हमें होश ऐसे भुलाए गए हैं।निगाहों से साग़र पिलाए गए हैं। सितम हम पे ऐसे भी ढाए गए हैं।हंसा कर भी अक्सर रुलाए गए हैं। जिन्हें देखकर ताब खो दे ज़माना।वो जलवे भी हम को दिखाए गए हैं। जो चाहो करो हम से बरताव यारो।हम आए नहीं हैं बुलाए…

मुलाक़ात कीजिए

मुलाक़ात कीजिए | Mulaqaat Kijiye

मुलाक़ात कीजिए ( Mulaqaat Kijiye ) काबू में पहले अपने ये जज़्बात कीजिएफिर चाहे जैसे हमसे मुलाक़ात कीजिए जिस में ख़ुशी हो आप की वोही करेंगे हमज़ाहिर तो अपने आप ख़यालात कीजिए फ़ुर्क़त की धूप सहने- चमन को जला न देशिकवे भुला के प्यार की बरसात कीजिए अफ़साना मत बनाइये छोटी सी बात कामुद्दे की…

अपनी हस्ती ही मिटा दी हमने | Apni Hasti

अपनी हस्ती ही मिटा दी हमने | Apni Hasti

अपनी हस्ती ही मिटा दी हमने अपनी हस्ती ही मिटा दी हमनेअपने दुश्मन को दुआ दी हमने क्या सज़ा मुझको खुदा कल देगाआज जो ज़ीस्त सजा ली हमने। अपने यारो पे भरोसा करकेअपनी दुनिया ही मिटा दी हमने कोई वादा नही था मिलने काआँख राहों में बिछा दी हमने हाथ अपने ही उठाकर रब सेतेरी…