टूट जाता है

टूट जाता है | Ghazal Toot Jata Hai

टूट जाता है ( Toot Jata Hai ) बिना जज्बात के रिश्ता सभी का टूट जाता है अगर मतभेद हो घर में सयाना टूट जाता है खिलौना दिल बनाकर जो किया था पेश दिलवर को कहा उसने तुम्हारा ये खिलौना टूट जाता है नही है शौक दर्पण को कि पत्थर से कभी खेले उसे मालूम…

नहीं संभलते हैं | Ghazal Nahi Sambhalte Hai

नहीं संभलते हैं | Ghazal Nahi Sambhalte Hai

नहीं संभलते हैं ( Nahi Sambhalte Hai ) हसीन ख़्वाब निगाहों में जब से पलते हैं क़दम हमारे हमीं से नहीं संभलते हैं इसी सबब से ज़माने के लोग जलते हैं वो अपने कौल से हरगिज़ नहीं बदलते हैं छुपाये रखते हैं हरदम उदासियाँ अपनी सितम किसी के किसी पर नहीं उगलते हैं रह-ए-हयात में…

मुहब्बत हो गई | Ghazal Muhabbat Ho Gayee

मुहब्बत हो गई | Ghazal Muhabbat Ho Gayee

मुहब्बत हो गई ( Muhabbat Ho Gayee ) मुहब्बत हो गई तो क्या बुरा है मुहब्बत ही ज़मानें में ख़ुदा है कभी मिलकर नहीं होना जुदा है मेरे मासूम दिल की यह दुआ है तुम्हारे प्यार में पीछे पड़ा है करो अब माफ़ भी जिद पर अड़ा है ज़माना इस तरह दुश्मन हुआ यह सभी…

बुलाया था उसने

बुलाया था उसने | Ghazal Bulaya tha Usne

बुलाया था उसने ( Bulaya tha Usne ) इशारे से हमको बुलाया था उसने हमे दर्द अपना सुनाया था उसने ! झुकाकर निगाहें ज़रा सी शरम से, मुहब्बत को अपनी जताया था उसने ! गँवाया था दिल यह उसी वक्त हमने गिराकर जब पल्लू उठाया था उसने ! बगल से थे गुजरे मिरे, अज़नबी बन,…

काश ऐसा कमाल हो जाए

काश ऐसा कमाल हो जाए | Kaash Aisa Kamaal ho Jaye

काश ऐसा कमाल हो जाए ( Kaash Aisa Kamaal ho Jaye ) काश ऐसा कमाल हो जाए। उससे फिर बोलचाल हो जाए। वो अगर हम ख़याल हो जाए। ज़िंदगी बेमिसाल हो जाए। देखले गर उसे नज़र भर कर। पानी-पानी हिलाल हो जाए। उसके होंठों पे लफ़्ज़े हां हो तो। ह़ल मिरा हर सवाल हो जाए।…

हाल-ए-मोहब्बत | Haal-e-Mohabbat

हाल-ए-मोहब्बत | Haal-e-Mohabbat

हाल-ए–मोहब्बत ( Haal-e-Mohabbat ) हाल-ए मोहब्बत का तुम्हें हम क्या बताये। दिलकी पीड़ा का हाल हम किसको सुनाए। जब दिल दे चुके है हम किसी को तो। ये पैगम उन तक हम कैसे पहुँचाएँ।। दिलकी बातें जुबान से हर पल निकलती है। कभी-कभी हमारी आँखे भी दिलकी बातों को कहती है। प्यार करने वाले तो…

आपका ह़ुस्न-ए-क़यामत

आपका ह़ुस्न-ए-क़यामत | Aap ka Husn-e-Qayamat

आपका ह़ुस्न-ए-क़यामत ( Aap ka Husn-e-Qayamat ) आप का ह़ुस्न-ए-क़यामत आह हा हा आह हा। उस पे यह रंग-ए-ज़राफ़त आह हा हा आह हा। देख कर तर्ज़-ए-तकल्लुम आप का जान-ए-ग़ज़ल। मिल रही है दिल को फ़रह़त आह हा हा आह हा। फूल जैसे आप के यह सुर्ख़ लब जान-ए-चमन। उन पे फिर लफ़्ज़-ए-मुह़ब्बत आह हा…

बहुत बेचैन हूँ

बहुत बेचैन हूँ | Ghazal Bahut Bechain Hoon

बहुत बेचैन हूँ ( Bahut Bechain Hoon ) सुकूँ दिल में यहाँ रहता नहीं है? ख़ुशी का जब यहाँ साया नहीं है बहुत बेचैन हूँ उसके लिये मैं अभी तक शहर से लौटा नहीं है उसे मैं कह सकूं कुछ बात दिल की मुझे वो राह में मिलता नहीं है उसे गुल देखकर पचता रहा…

शौक़ है

शौक़ है | Ghazal Shauk Hai

शौक़ है ( Shauk Hai ) बज़्म-ए-सुख़न की शान बढ़ाने का शौक़ है। हमको भी शेअ़र सुनने-सुनाने का शौक़ है। तूफ़ान के ह़दफ़ पे तो रहना ही है उन्हें। जिनको वफ़ा के दीप जलाने का शौक़ है। कांटे किसी की राह में वो क्या बिछाएंगे। पत्थर पे जिनको फूल चढ़ाने का शौक़ है। हरगिज़ किसी…

मेरे साथ साथ

मेरे साथ साथ | Mere Sath Sath

मेरे साथ साथ ( Mere Sath Sath ) पहाड़ बन के मेरे साथ साथ चलता रहा वो एक टुकड़ा था बादल को जो बदलता रहा लिपट गई तो कलेजे को पड़ गई ठंडक और इतनी ठंड की फिर रोम रोम जलता रहा जो लोग पहले ग़लत कर चुके दुआ उनको उन्हीं को देख के हर…