दीप जले | Diwali Hindi Shayari
दीप जले ( Deep Jale ) बरसों की रस्म पुरानी दीप जले है आयी वो रात सुहानी दीप जले है ख़ुशियों की है आज बहारें हर घर में महकी रात कि ही रानी दीप जले है चैधा वर्ष बाद लौटे है राम अयोध्या उत्सव की एक निशानी दीप जले है बचपन के दिन भी…