लौट आ अब तू कहाँ है
( Laut aa ab tu kahan hai )
तू दिखा यूं मत गुमाँ है
और भी देखो मकाँ है
फूल दूँ कैसे उसे अब
वो नहीं अब दरमियाँ है
दिल यहाँ लगता नहीं अब
वो हुआ जब से निहाँ है
उस हसीं से तू मिला दे
ये ख़ुदा तुझसे फ़ुग़ाँ है
दे किसे आवाज़ मैं तो
कौन अपना ही यहाँ है
याद आज़म को सताये
लौट आ अब तू कहाँ है