ले गया सकूँ | Sukoon Shayari in Hindi

ले गया सकूँ | Sukoon Shayari in Hindi

ले गया सकूँ ( Le gaya sukoon )    न रही उसको अब उल्फ़त है ? ले गया सकूँ सब राहत है चोट लगी ऐसी दग़ा की कल अब उल्फ़त दिल से रुख़सत है गुल न लिया चाहत का उसने टूटी दिल की ही हसरत है उल्फ़त में ऐसा टूटा दिल न यहाँ दिल को…

एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali

एक ही थाली में मस्त हैं | Ek hi Thaali

एक ही थाली में मस्त हैं ( Ek hi thaali mein mast hai )    करते जो शहर भर में दूनाली से गश्त हैं। हम हैं कि उनकी आम ख्याली से पस्त हैं।। मवाली इन्हें समझे उन्हें समझे थे मसीहा, सच में कि दोनों एक ही थाली में मस्त हैं। आका हमारे जाम तोड़ते हैं…

मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh

मुहब्बत तू निभाए रख | Muhabbat tu Nibhaye Rakh

मुहब्बत तू निभाए रख ( Muhabbat tu nibhaye rakh )    गुलों से घर सजाए रख ? वफ़ा अपनी बनाए रख अंधेरों से लगे है डर चिरागो को जलाए रख ज़रा दीदार करने दे नहीं चेहरे छुपाए रख उदासी छोड़ दिल से तू लबों को तू हंसाए रख बढ़ेगा प्यार दिल में और नज़र मुझसे…

शराब | Sharab

शराब | Sharab

शराब ( Sharab )    शराबियों की महफ़िल सजी हर जगह यारों, एक दूसरे को फायदा बताते हर जगह यारों। भूल कर भी कोई नुक्सान नहीं बताते है, कहते हैं कई बिमारियों को मिटाती है यारों। दवा का भी सम्मिलित काम करती है यह , सीमा में रह कर पीये और पिओ मापकर यारों। ज्यादा…

Muhabbat ki Poetry

मुहब्बत का गुल | Muhabbat ki Poetry

मुहब्बत का गुल ( Muhabbat ka gul )    करे तेरा रोज़ ही इंतिज़ार है गीता हुआ दिल तो खूब ही बेक़रार है गीता ख़फ़ा होना छोड़ दे तू मगर ज़रा दिलबर मुहब्बत की ही कर देगी बहार है गीता बना ले तू उम्रभर के लिये अपना मुझको मुहब्बत में तेरी डूबी बेशुमार है गीता…

कितने आलोक समाये हैं | Kitne Alok

कितने आलोक समाये हैं | Kitne Alok

कितने आलोक समाये हैं ( kitne alok samay hai)    तुमने जो निशिदिन आँखों में आकर अनुराग बसाये हैं हम रंग बिरंगे फूल सभी उर-उपवन के भर लाये हैं हर एक निशा में भर दूँगा सूरज की अरुणिम लाली को बाँहों में आकर तो देखो कितने आलोक समाये हैं प्रिय साथ तुम्हारा मिलने से हर…

मुस्कुराना छोड़ दूं | Muskurana Chhod Doon

मुस्कुराना छोड़ दूं | Muskurana Chhod Doon

मुस्कुराना छोड़ दूं ( Muskurana chhod doon )    वो ख़फ़ा गर हैं तो क्या मैं मुस्कुराना छोड़ दूं। खौफ़ से उनके मैं क्या नग़मे सुनाना छोड़ दूं। ठीक है सरकार की नज़रे इनायत चाहिए क्या मगर इसके लिए सारा जमाना छोड़ दूं। लाख कोशिश की मगर फिर भी नहीं खुश है कोई क्या करूं…

अच्छा लगा | Acha Laga

अच्छा लगा | Acha Laga

अच्छा लगा ( Acha laga )    अजनबी बनकर गुज़रने का हुनर अच्छा लगा इस रवय्ये ने दुखाया दिल, मगर अच्छा लगा दोस्तों को है मुहब्बत मुस्कराहट से मेरी दुश्मनों को मैं हमेशा चश्म तर अच्छा लगा जितने भी आसान रस्ते थे न माफ़िक आ सके ज़िंदगी में मुश्किलों वाला सफ़र अच्छा लगा तुम भी…

सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना | Sunaoon ab Kise Haal – E – Dil Apna

सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना | Sunaoon ab Kise Haal – E – Dil Apna

सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना ( Sunaoon ab kise haal e dil apna )    ख़ुशी के ज़ीस्त में साये नहीं है ! गमों के क्यों ढ़लते लम्हे नहीं है उदासी में कटे दिन इसलिये ही यहाँ दिन भी मगर अच्छे नहीं है सुनाऊँ अब किसे हाले दिल अपना यहाँ वो अब मगर रहते…

Kam samajhta hai

कम समझता है | Kam Samajhta hai

कम समझता है ( Kam samajhta hai )   दिलों की बात क्यूं जाने वो अक्सर कम समझता है मेरी फितरत है शोला सी मुझे शबनम समझता है। मुझे डर है कि उसका ज़ख़्म मत नासूर बन जाए वो पगला दोस्तों को ज़ख़्म का मरहम समझता है। जरा इंसान की नाशुक़्रियों पर गौर करिए तो…