बेटी | Beti
किसी ने लिखा की हमारे देश की इज्जत और सम्मान बनती है ।सारे विश्व मे फिर खुद की वो पहचान बनती है । खडी़ होती है जब जब पोडियम पर हिन्द की बेटी तो मीरा बाई चानु के जैसी ही शान बनती है । चाहे खुशी मिलें या न मिलें समभाव में रहना सीखें हम…
किसी ने लिखा की हमारे देश की इज्जत और सम्मान बनती है ।सारे विश्व मे फिर खुद की वो पहचान बनती है । खडी़ होती है जब जब पोडियम पर हिन्द की बेटी तो मीरा बाई चानु के जैसी ही शान बनती है । चाहे खुशी मिलें या न मिलें समभाव में रहना सीखें हम…
कुछ महीनों पहले मेरे एक क्लाइंट मेरे ऑफिस पर आए। थोड़े नाराज़ लग रहे थे और गुस्से में भी थे। मैंने उनकी नाराज़गी का कारण पूछा तो पता चला कि उनके बेटे ने प्रिंटिंग एंड मीडिया का कोई कोर्स लिया है। जिसकी सालाना फीस तकरीबन आठ लाख है। उन्हें दुःख इस बात का हो रहा…
कात्तक बदी अमावस आई, दिन था खास दिवाळी का कार्तिक के महीने में फसल व पशु बेचने से पैसा कमाकर उससे ताजा ब्याए हुए पशु (दुधारू गाय – भैस) को ख़रीद कर दूध-दही-घी व उनसे बने हुए पकवान खाने का आनंद लेते व किसान के घर धन आने का उल्लास अब धनतेरस है। अपने पशुओं…
दीपोत्सव नजदीक है इतनी सारी तैयारियांँ, साफ- सफाई अभियान जोरों पर है घर- आंँगन व बाहर। कहते भी है कि सफाई रहती है तो भगवान हमारे नजदीक रहते हैं। सच है स्वच्छ तन ,स्वच्छ घर- आंगन ,स्वच्छ परिवेश आंँखों को लुभाता है । तन-मन को स्वस्थ रखता है। किसे भला अच्छा नहीं लगता साफ सफाई…
भाग- १ नोट – आधुनिक समस्याओं को लेकर लिखी गई पुस्तक जिसमें लेखक ने कल्पना की है कि यदि आज कृष्ण भगवान होते तो वह उनके समाधान देने का क्या प्रयास करते ? इसका मूल गीता से कोई संबंध नहीं है। इस लेख में कुछ पुरातन सोच रखने वालों लोगों को आपत्ति हो सकती है…
नवरात्रि का पर्व सम्पूर्ण भारत वर्ष के प्रमुख त्यौहारों/पर्वों में से एक है। हर साल इन नवरात्रि के दिनों में माता रानी के नौ रूपों का पूजा एवं पाठ किया जाता है। जिसमें पहली: शैलपुत्री, दूसरी: ब्रह्मचारिणी, तीसरी: चंद्रघंटा, चौथी: कूष्माण्डा, पांचवीं: स्कंद माता, छठी: कात्यायिनी, सातवी: कालरात्रि, आठवीं: महागौरी नौवीं: सिद्धिदात्री हर दिन किसी…
हमारे हिंदू धर्म में अपने ईष्ट को प्राप्त करने के लिए और उनको प्रसन्न करने के लिए अन्न जल त्याग करके उपवास रखने की परंपरा है जिसका आजकल उपहास बनाया जा रहा है। यह एक ऐसी विधि है जिसमें हम अपनी इंद्रियों पर काबू रखने के लिए अन्न और जल का त्याग करते हैं ऐसा…
आज बस्ती के चौराहे में बहुत चहल पहल थी, शहर के कोई न्यूज रिपोर्टर आए थे, कैमरे के सामने हाथों में माइक पकड़े हुए वो वहां के लोगों से आगामी चुनाव के बारे में सवाल पूछ रहे थे। रामप्रसाद जो अपने काम पर जाने को निकला था उसे रोकते हुए रिपोर्टर ने पूछा….एक मिनट जरा…
परिवार का सही मतलब तो पहले समझ में आता था। आजकल तो परिवार चार दिवारी में “हम दो हमारे दो” के बीच में सिमट कर रह गया है! पहले ना सिर्फ परिवार में लोग मिल-जुलकर रहते थे। बल्कि भजन और भोजन भी संग में होता था। फिर भी संयुक्त परिवार की मिसाल आज भी कई…
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का अत्याधिक महत्व है। इस दौरान लोग अपने पितरों का पिंडदान करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। हर वर्ष हम पितरों की प्रसन्नता प्राप्ति और दुखों से मुक्ति पाने का पर्व श्राद्ध 15 दिनों तक मनाते है। सभी सनातन धर्मावलम्बियों को अपने पितरों की कृपा-आशीर्वाद पाने…