daga shayari

हाँ कभी भी न देना दग़ा तू मुझे | Daga shayari

हाँ कभी भी न देना दग़ा तू मुझे ( Haan kabhi bhi na dena daga tu mujhe )   हाँ कभी भी न देना दग़ा तू मुझे प्यार करना वफ़ा से सदा तू मुझे   जीस्त से दूर हो ग़म सभी उम्रभर आज ऐसी कोई दे दुआ तू मुझे   प्यार का ही चढ़ा है…

Ghazal aisi udaan

आज ऐसी उड़ान करते है | Ghazal Aisi Udaan

आज ऐसी उड़ान करते है ( Aaj aisi udaan karte hai )     आज ऐसी उड़ान करते है वो जहाँ में उफान करते है   तब मिले है अनाज ओ रोठी जब खेती ये किसान करते है   जीस्त में वो न ख़ुश कभी रहते जो बड़ो से ज़बान करते है   जिंदगी भर…

Yaad shayari

किसी की यादों का | Yaad romantic poetry

किसी की यादों का ( Kisi ki yaadon ka )     इस बारगी बहुत कड़क रहे हो, बरस रहे हो ऐ मौसम, किस बात पर यूं अकड़ रहे हो   सड़क किनारे जल रहा कोई अलाव बुझा किसी की दीवार ओ’बाम क्यो हिला रहे हो   दिलों पर पहले ही जम रही ‌थी बर्फ…

Ghazal jhooth gharon par kaabij tha

झूठ घरों पर काबिज़ था | Jhooth Shayari

झूठ घरों पर काबिज़ था ( Jhooth gharon par kaabij tha )     झूठ घरों पर काबिज़ था करना यूँ नाजाइज़ था   साथ न दे वो मुश्किल में रब अपना तो हाफ़िज़ था   झूठ फ़रेबी था दिल से समझा जिसको वाइज़ था   चाहे  वो जो काम ग़लत मंजूर न वो हरगिज़…

लबों पर रोज़ ये चर्चा रहा है | Ghazal

लबों पर रोज़ ये चर्चा रहा है | Ghazal

लबों पर रोज़ ये चर्चा रहा है ( Labon par roz ye charcha raha hai )     लबों पर रोज़ ये चर्चा रहा है उसी से अब नहीं रिश्ता रहा है   नहीं वो पास में ये ही सही अब ग़ज़ल  मैं याद में सुनता रहा है   मिली है कब वफ़ा सच्ची किसी…

बेवफ़ा | Bewafai par shayari

बेवफ़ा | Bewafai par shayari

बेवफ़ा ( Bewafa )     नहीं राहें वो वफ़ा से भरी बेवफ़ा है मुहब्बत की राहें यारों सभी बेवफ़ा है   ग़मो की आहें निकलती यहाँ तो दिल से हुई मेरी जिंदगी से ख़ुशी बेवफ़ा है   वफ़ा नहीं देगा इजहार मत करना उससे उसकी सांसों से महक आ रही बेवफ़ा है   की…

अकड़ अमीरी का

अकड़ अमीरी का | Poem on akad ameeri ka

अकड़ अमीरी का ( Akad ameeri ka )     दिखाता है अकड़ वो ख़ूब ही मुझको अमीरी की! वही उडाता मजाक मेरी बहुत यारों ग़रीबी की   मगर फ़िर भी नहीं तक़दीर बदली बदनसीबी से इबादत की बहुत ही  रोज़ मैंनें तो इलाही की   ख़ुशी के पल नहीं है जिंदगी में ही  भरे…

Gam ghazal

ग़म यार हजार ज़ीस्त में है | Gam ghazal

ग़म यार हजार ज़ीस्त में है ( Gam yaar hajaar zeest mein hai )   ग़म यार हजार जीस्त में है इक पल न क़रार जीस्त में है   रूठी है यहां प्यार की खुशबू कोई न बहार जीस्त में है   कटती जीस्त जा रही है तन्हा कोई  नहीं  यार जीस्त में है  …

Tum zara thehro

तुम जरा ठहरो | Tum zara thehro

तुम जरा ठहरो ( Tum zara thehro )     तुम  जरा  ठहरो  मुझे  कुछ, और  बाते  करनी  है। दरमियान  जो  फासलें है, उसको मुझको भरनी है।   एक बार बस सुन तो लो तुम,मुझको जो कहना है वो, खत्म  होती  सी  कहानी, मुझको फिर से लिखनी है।   किसकी गलती थी यहाँ और,किसकी रस्म…

Gulshan mein kali jawan hui hai

गुलशन में कली जवां हुई है | Ghazal

गुलशन में कली जवां हुई है ( Gulshan mein kali jawan hui hai )     गुलशन में कली जवां हुई है ख़ुशबू अब रवां यहां हुआ है   सबके कल मकां बहे यहां तो बरसात  बहुत  यहां  हुई  है   दूँ फ़ूल  तुझे कहां से लाकर फ़ूलों की सभी ख़िज़ां हुई है   नफ़रत…