Sad wali ghazal

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा | Sad wali ghazal

दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा ( Dil dukha khoob raha wo mera )     दिल दुखा ख़ूब रहा वो मेरा ! दोस्त सच्चा न हुआ वो मेरा   हर घड़ी करके सितम वो मुझ पर दिल रहा रोज़ दुखा वो मेरा   रास्ता कैसे मिले मंज़िल का रहनुमा  ही न  बना वो मेरा…

Shahar se e yaar lauta gaon mein

शहर से ए यार लौटा गांव में | Ghazal

शहर से ए यार लौटा गांव में ( Shahar se e yaar lauta gaon mein )     शहर से  ए यार लौटा गांव में देखो अपने चैन मिलता गांव में   छोड़ दी गलियां नगर की इसलिए रिश्ता नाता गहरा अपना गांव में   सोचता हूँ मैं मिलूँ उससे चलो एक अपना दोस्त रहता…

आ रही है रोज़ यादें ख़ूब है !

आ रही है रोज यादें खूब है | Yaad aap ki shayari

आ रही है रोज यादें खूब है ( Aa rahi hai roj yaadein khoob hai ) आ रही है रोज़ यादें ख़ूब है ! रोज़ भीगी यार आँखें ख़ूब है   घर नहीं आया वो वादा करके भी देखी उसकी रोज़ राहें ख़ूब है   भूलकर नाराज़गी दिल से सभी फ़ोन पर उसनें की बातें…

Gustakh poetry

मेरा सुकुं | Gustakh poetry

मेरा सुकुं ( Mera sukoon )     मेरा  सुकुं  ओ  नींद  भी  मेरी उड़ाई है जबसे जवानी , टूट के जो तुझपे आई है   शोला बदन को देख के , गुलशन हुआ हैरां बूटे  भी  खिले  ,  आग ये कैसी लगाई है   यूं ही नहीं , गुलाब हुआ सुर्ख रू जालिम आरिज…

Ek aisi mohabbat

एक ऐसी मोहब्बत | Ek aisi mohabbat | Poem in Hindi

एक ऐसी मोहब्बत ( Ek aisi mohabbat )     एक ऐसी मोहब्बत किये जा रहे है, अकेले ही हर ग़म सहे जा रहे है।   नही कोई शिकवा नही है शिकायत, हम अपने दरद को सहे जा रहे है।   नही कुछ कहेगे तेरा नाम लेकर, वफा या ज़फा ये हमारा करम है।  …

Isliye phool bheja nahi pyar ka

इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का | Ghazal

इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का! ( Isliye phool bheja nahi pyar ka )     इसलिए फ़ूल भेजा नहीं प्यार का! है फ़रेबी भरा ख़ूब दिल  यार का   इसलिए ख़त लिख पाया नहीं हूँ उसे बेवफ़ा दिल है उस यार दिलदार का   रिश्ता रखना है तो रख वरना तोड़ दें यूं नहीं…

Shero shayari

कुछ रात ठहरी सी | Shero shayari

कुछ रात ठहरी सी ( Kuch raat gehri si )   कुछ रात ठहरी सी है , स्याह सी, गहरी सी है धुंध को ओढ़े सी है , कई राज समेटे सी है   सर्द सी , जर्द सी , सीने में अलाव लिए हुए कांपती, कंपाती सी , दिल को हाथ में थामे सी…

Gulshan shayari

गुलशन में ही शबनम ए दौर नहीं है | Gulshan shayari

गुलशन में ही शबनम ए दौर नहीं है ( Gulshan mein hi shabnam e daur nahin hai )     गुलशन में  ही शबनम ए  दौर नहीं है शाखों पर ही फूल खिला और नहीं है   महंगाई में  दाल ख़रीदे क्या आटा आया अच्छा ही यारों दौर नहीं है   छोड़ फ़कीर है मांगे …

Raqeeb shayari

वो कहता रकीब हूँ बहुत मैं | Raqeeb shayari

वो कहता रकीब हूँ बहुत मैं! ( Wo kahta raqeeb hoon bahut main )     वो कहता  रकीब हूँ बहुत मैं! जिसका ही हबीब हूँ बहुत मैं   सामान खरीदूँ कैसे महंगा पैसों से ग़रीब हूँ बहुत मैं   सच बोल रहा हूँ मैं सभी से कहते सब अजीब हूँ बहुत मैं   कर…

Hasratein shayari

हसरतें | Hasratein shayari

हसरतें ( Hasratein )     हमारी  हसरतें भी थी  गुलों  के बीच  रहने  की, मगर  ताजिन्दगी  काँटों में ही उलझे रहे हरदम।   हम अपनी चाहतों के लाश को काधे पे ले करके, गुजारी  जिन्दगी  को  सामने  हँसते  रहे  हरदम।   जो भी मिला इस  जिन्दगी  में मुझसे आकर के, उसी से प्यार की…