अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है| Husn Shayari

अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है ( Apne hi husn pe usko guroor hai )   अपनें ही हुस्न पे उसको गरूर है ! उल्टा दिमाग़ में उसके फ़ितूर  है   मत दो सजा इसे झूठी बेवजह मासूम  ए लोगों  ये  बेक़सूर है   है आरजू ये ही अपना बनाना उसे  की मांग का…

प्यार से कब मिला है मुझे

प्यार से कब मिला है मुझे | Ghazal Pyar se

प्यार से कब मिला है मुझे ( Pyar se kab mila hai mujhe )     प्यार से कब मिला है मुझे ! नफ़रत से देखता  है मुझे   भूल गया शायद दिल से मगर कब वही सोचता है मुझे   कब निभा वो रहा है वफ़ा वो दग़ा दें  रहा है मुझे   क्यों…

मुहब्बत में मुझे धोखा दिया है

मुहब्बत में मुझे धोखा दिया है | Dhokha Shayari

मुहब्बत में मुझे धोखा दिया है ( Muhabbat me mujhe dhokha diya hai )     मुहब्बत में मुझे धोखा दिया है किसी ने दर्द ग़म ऐसा दिया है   दवा करने से भी भरता नहीं ये जिगर पे जख़्म वो गहरा दिया है   रुलाये याद बनकर रोज़ दिल को वफ़ाओ का सिला कैसा…

उम्र भर के लिए अजनबी हो गये

Judai Shayari | उम्र भर के लिए अजनबी हो गये

  उम्र भर के लिए अजनबी हो गये ( Umar bhar ke liye ajnabi ho gaye )     उम्रभर  के  लिए अजनबी हो गये! हम जुदा जीवन भर ऐसे की हो गये   मैं देखूँ चैन उसको नहीं मिलता है वो मेरे दिल के ही दिलकशी हो गये   बजते है साज उल्फ़त के…

Maraasim ab haan

Nice Ghazal | कुछ भी नहीं

मरासिम अब हाँ! कुछ भी नहीं ( Maraasim ab haan! kuchh bhi nahin )     मरासिम अब हाँ! कुछ भी नहीं पर कहने से होता कुछ भी नहीं   ज़ेहन और दिलका आबाई जंग है इस के बरख्श तेरा कुछ भी नहीं   ज़िन्दगी है सोज़-ए-शाम-ओ-सेहर और  इस  के  सिवा  कुछ भी नहीं  …

प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया

Udashi Bhari Shayari | प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया

प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया ( Pyar Me Azam Kab Wo Wafa De Gaya )   प्यार में आज़म कब वो वफ़ा दें गया इस क़दर प्यार में वो दग़ा दें गया   प्यार के ही बढ़ाएं क़दम थें जिसनें हर क़दम पे वो अब फ़ासिला दें गया   तोड़कर वो सगाई…

तू तल्ख़ करनी मुझसे बात छोड़ दें

Ghazal | तू तल्ख़ करनी मुझसे बात छोड़ दें

तू तल्ख़ करनी मुझसे बात छोड़ दें ( Tu talkh karni mujhshe baat chhod den )     तू तल्ख़ करनी मुझसे बात छोड़ दें! करनी ग़मों की ये बरसात छोड़ दें   देकर मुझे वफ़ा का नाम तू मगर मेरा  कहीं  न  तू  ये हाथ छोड़ दें   तू प्यार की ख़िज़ां कर रोज़…

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में | Ghazal

देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में ( Dekh raha hun main hansi nazare gaon mein )     देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में आ रही देखो गुलों की वो बहारें गांव में   चाहता हूँ एक कोई तो बने साथी मेरा जो हंसी मुखड़े की देखी है कतारें…

दिल में जिसके ही आरजू होती

दिल में जिसके ही आरजू होती | Shayari on Aarzoo

दिल में जिसके ही आरजू होती ( Dil me jiske hi aarzoo hoti )     दिल में जिसके ही आरजू होती काश उससे कुछ गुफ़्तगू होती   जब से टूटी है  दोस्ती तुझसे बातें तेरी मेरी  हर सू होती   जीस्त तन्हा नहीं गुजरती फ़िर जिंदगी में अगर जो तू होती   वो अगर…

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

Ghazal | हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता

हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ( Har koi magar dil se ashraf nahi hota )   हर कोई मगर दिल से अशराफ़ नहीं होता ए  यारों  कभी  सच का इंसाफ नहीं होता   तू  बात  जरा  करना  ए  यार  संभलके  ही देखो हर किसी का ही दिल साफ़ नहीं होता   तो …