मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है

Ghazal | मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है

मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है ( Mat Kar Nafrat Dosti Ek Phool Hai)     मत रख नफरत दोस्ती एक फूल है! प्यार  कर  लें  जिंदगी  इक  फ़ूल है   मयकशी करनी छोड़ो भी अब ज़रा संभलो  यारों  जिंदगी  इक  फ़ूल है   दूर जीवन से करो ग़म सब अपनें होठों  पे  देखो …

दोस्ती का हक अदा कर!

Dosti Ka Haq | दोस्ती का हक़ अदा कर

दोस्ती का हक अदा कर! ( Dosti Ka Haq Ada Kar )     दोस्ती का हक अदा कर! इतनी दिल से तू वफ़ा कर   दिल से रिश्ता तू निभालें दिल न अपना बेवफ़ा कर   दें वफ़ा तू जिंदगी भर यूं न उल्फ़त में जफ़ा कर   साथ बनकर हम सफ़र चल हर…

मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है

Ghazal Mausam Khijaan Ka | मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है

मौसम खिजां का सीने में ग़म की बहार है ( Mausam Khijaan Ka Sine Mein Gam Ki Bahar Hai )   मौसम ख़िजा का सीने में ग़म की बहार है। उजङा चमन ये गुल बिना कांटे हजार है।।   कैसे करें विश्वास फिर दुनिया-जहां का हम। साथी कोई जग में नहीं दुश्मन अपार है।।  …

तुम्हारे बिन जहां किस काम का है

तुम्हारे बिन जहां किस काम का है | Shayari Tumhare Bin

तुम्हारे बिन जहां किस काम का है ( Tumhare Bin Jahan Kis Kam Ka Hai )     लोग  कहते  हैं  कि  आराम  का है। तुम्हारे बिन जहां किस काम का है।।   हथेली पर रोज लिखना मिटाना भी, बस  यही काम सुबहो शाम का है।।   फूल  तो  ले  गये  ले जाने वाले, सिर्फ …

हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में

Ghazal | हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में

हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में ( Hamesha hi Rahe Ham To Bure Unke Nigahon Mein )     हमेशा  ही  रहे  हम तो बुरे उनकी निगाहों में। गुनहगारों में की गिनती रहे जब बेगुनाहों में।।   बिना सोचे बिना समझे कई इल्ज़ाम दे डाले। जिगर का दर्द पढ़ पाए नहीं वो…

बात सब मानी तुम्हारी हमने

बात सब मानी तुम्हारी हमने | Shayari Baat

बात सब मानी तुम्हारी हमने ( Baat Sab Mani Tumhari Hamne )   गुलों से जबसे की यारी हमनें। रात रो रो कर गुजारी हमने।। मुझको  ठुकराकर  जाने  वाले, बात सब मानी तुम्हारी हमने।। बावफा रह के क्या मिला मुझको, मौत  की कर ली तैयारी हमने।। दिल की बाजी भी लगाकर देखा, हार  झेली  है …

कहानी

Ghazal | कहानी

कहानी ( Kahani )   कल एक कहानी लिखुंगा मैं तेरे प्यार की इक निशानी लिखुंगा जो तूने दिया था बचपन में मैं तेरी वो रवानी लिखुंगा कल एक कहानी लिखुंगा मैं तेरे प्यार की इक निशानी लिखुंगा   वो गलियां थी तू गुड़िया थी मैं तेरा गुड्डा बना था जहां खेले और लड़े हम…

तकरार हो गया कल उससे प्यार में

तकरार हो गया कल उससे प्यार में | Takrar Shayari

तकरार हो गया कल उससे प्यार में ( Takrar Ho Gaya Kal Usse Pyar Me )     तकरार हो गया कल उससे प्यार में! देखो  भरी  नजाकत   दिलदार   में   कैसे  जुड़ेंगे रिश्ते प्यार के भला टूटे है प्यार के जो  रिश्तें खार में   इतना बदल गया है शहर में जाकर वो  बात …

अगर जीना है दुनिया में सहारे छोड़ने होगे

अगर जीना है दुनिया में सहारे छोड़ने होगे | Jeena hai Shayari

अगर जीना है दुनिया में सहारे छोड़ने होगे ( Agar Jeena Hai Duniya Mein Sahare Chhodne Honge )   अगर जीना है दुनिया में सहारे छोड़ने होगे। बहो मँझधार में बेशक किनारे छोड़ने होगे।।   नहीं हमदर्द कोई भी दिखावा सब करे बेशक। नज़र  आती है जो रौनक नजारे छोड़ने होगे।।   बहुत धुंआ उगलती…

साथ में कोई नहीं मेरे चला है

Ghazal | साथ में कोई नहीं मेरे चला है

साथ में कोई नहीं मेरे चला है ( Saath Mein Koi Nahi Mere Chala Hai )   साथ   में  कोई  नहीं  मेरे  चला  है दुश्मनों से ही आज़म तन्हा लड़ा है   प्यार के मुझको मिले मरहम नहीं थें अपनों से ही जख़्म बस मिलता रहा है   मैं  ख़ुशी  से  मुस्कुरा  पाया  नहीं  हूँ…