पुलकित | Chhand pulkit
पुलकित
( Pulkit )
जलहरण घनाक्षरी
कोना कोना पुलकित,
सौंधी चली पुरवाई,
नव पल्लव बगिया
छाई उमंगे भावन।
घट घट उल्लास हो,
महकती फुलवारी,
नजारे मनभावन,
चहक उठा सावन।
खुशहाली आनंद से,
सबकी झोली भरता,
गीत बने अधरों पे,
ईश्वर नाम पावन।
लहर लहर नदी,
सागर उमड़ा आता,
मनमोहक मुस्कान,
पुलकित रहे मन।
रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )
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