देखते है | Dekhte Hain
( ऐसे तो कितने ही सारे अतुल सुभाष है जिन्हें कोई जानते नहीं है, उनमें से कुछ दुनिया में आज भी मौजूद है कुछ इस दुनिया से जा चुके हैं!! )
देखते है
देखते है अब कौन हो हल्ला करेगा।
देखते है अब कौन कैंडल जलाएगा।
निर्दोष पुरुष बेमौत मरा है यह देखो,
कौन जो खिलाफ आवाज़ उठाएगा।
ना कभी पकड़ा जाएगा वकील वो,
ना ही जज वो कभी सज़ा पाएगा।
आख़िर में छूट जाएंगे सभी बेल पर,
अंधा कानून देखता ही रह जाएगा।
वो करती अधिकारों का दुरुपयोग,
क्या समााज ये बात समझ पाएगा।
फंसाकर झूठे इल्ज़ाम में पति को,
एलिमनी के नाम पर लूटा जाएगा।
कब तक दर्ज होंगे ऐसे झूठे मुकदमे,
क्या पति होना अपराध कहलाएगा!
मिलता क्यों नहीं इंसाफ पुरुषों को,
मर्द बनना ही अभिशाप कहलाएगा!

कवि : सुमित मानधना ‘गौरव’
सूरत ( गुजरात )
#sumitkikalamse
#atulsubhash
यह भी पढ़ें :-