देश के हर अदू मिटा दूंगा | Desh ke Har Adoo Mita Dunga
देश के हर अदू मिटा दूंगा ?
( Desh ke har adoo mita dunga )
देश के हर अदू मिटा दूंगा ?
ज़िस्म से रूह तक जला दूंगा
फ़िर अदू वो इधर न आयेगा
सरहदों पर पहरे लगा दूंगा
दुश्मनों का निशाँ मिटाकर हर
देश को रोज़ वो वफ़ा दूंगा
हर घड़ी हो वतन सलामत बस
रोज़ दिल से यही दुआ दूंगा
खौफ़ से दिल भरे हर दुश्मन का
रेल हर दुश्मन पर चला दूंगा
ढोल अच्छाई का पीटे है तू
ऐब तेरे जहां बता दूंगा
आ सके वो अदू नहीं आज़म
रास्तों पर पत्थर गिरा दूंगा