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ऐसी भीषण गर्मी | Garmi par Kavita
ऐसी भीषण गर्मी ( Aisi bhishan garmi ) कर लिया है गर्मी ने अभी से यह विकराल रूप, ऐसी भीषण गर्मी से यें शक्लें हो रहीं है कुरूप। तप रही है धरा एवं सभी प्राणियों का यह बदन, बुझ ना रही प्यास किसी की पड़ रही ऐसी धूप।। यह सहा नही जा रहा ताप दिन…

मैं मरूँगा | Kavita main Marunga
मैं मरूँगा ( Main Marunga ) मैं नहीं मरूँगा किसी सड़क दुर्घटना में नदी या तालाब में डूब कर ! मैं नहीं मरूँगा किसी ज़हर के सेवन से या नशे का आदि होने से ! मैं नहीं मरूँगा पँखे से लटक कर या किसी पेड़ पर झूल कर ! मैं नहीं…

वाह जिंदगी | Kavita Waah Zindagi
वाह जिंदगी ( Waah zindagi ) वाह जिंदगी वाह क्या बात ! तूने याद दिलादी, मुझे मेरी पहली मुलाकात ! यू आईने के सामने खड़ा रहा घंटों देख रहा था शायद अपना वो पहला सफेद बाल! मिला मुझे जब वह करीब से मैंने रंग डाला उसे, काले रंग से तुरंत निकाल ! पहले थोड़ा घबराया…

शेखावाटी गंध | Kavita Shekhawati Gandh
शेखावाटी गंध ( Shekhawati Gandh ) खबरों की खबर है या वो बेखबर है। हमको भी सबर है उन्हें भी सबर है। कहीं आसपास दमके नव ज्योति उजाला। चमक रहा भास्कर मेरी किस्मत का ताला। मरूवेदना सुन लो आकर दर्द मेरे दिल का। आज तक जागरण हुआ मेरे जनमत का। शेखावाटी गंध फैली हिंदुस्तान…

कथा रिटायरमेंट की
कथा रिटायरमेंट की ( हास्य ) .लाली जी कर घोषणा, हुई रिटायर आज।सब सुन लो खुद ही करो, अपना अपना काज।।मैं न करूँ अब काम कुछ, मलो हाथ अरु पैर।मेरे काम सभी करो, तभी मनेगी खैर।।लालू चौके में गए, पुलक पकाई खीर।छौंका राई-हींग से, लाली भईं अधीर।।लल्ला ने सोचा करें, मम्मा को इम्प्रैस।सिंथेटिक साड़ी बिछा,…

मोक्ष की ओर बढ़ें | Moksh
मोक्ष की ओर बढ़ें! ( Moksh ki ore badhen ) हे ! उसकी कृपा बरसे, दुनिया सदा हरषे। आकर के जग में, प्रभु की शरण में, मोक्ष की ओर बढ़ें। हे! उसकी कृपा बरसे, दुनिया सदा हरषे। साँसों के तारों से, जीवन की धारों से, मिलके जहां से चलें । हे ! उसकी कृपा…