हे नट नागर आओ

( Hey nat nagar aao ) 

 

हृदय कमल पर मृदुल चरण धर,
मन ही मन हर्षाओ।
हे नट नागर आओ।

ललित लास्य हो अभिनव लीला।
फहराये दुकूल पट पीला।
अरुण अधर पर विश्व मोहिनी
मुरली मधुर बजाओ।
हे नट नागर आओ।

उतरें भू पर सुर बालायें।
देख त्रिभंगी छवि मुसकायें।
आंचल भर लें अपना अपना,
रस माधुर्य बहाओ।
हे नट नागर आओ।

जिनसे कभी प्रेम की डोरी।
साथ रहें व्रजराज किशोरी।
तिर्यक ग्रीवा चिबुक तर्जनी,
मुहुर मुहुर मुस्काओ।
हे नट नागर आओ।

 

sushil bajpai

सुशील चन्द्र बाजपेयी

लखनऊ (उत्तर प्रदेश)

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