Hindi Kavita On Women -नारी
नारी
( Nari Kavita )
स्वतंत्र है अब हम ( Swatantrata hai ab hum ) पूर्ण स्वतंत्र है अब हम स्वतंत्रता दिवस है आया, हर्ष,उल्लास, देशभक्ति का रंग फिज़ा में छाया। आजाद वतन के वास्ते वीरों ने अपना खून बहाया, तोड़ गुलामी की जंजीरें आज़ाद वतन बनाया। पृथक भाषा, पृथक जात, पृथक बोलते है बोलियां, स्वतंत्र देश को करने…
ईश्वर को तू अपना बना ले ( Ishwar ko tu apna bana le ) मौत को गले लगाने से बेहतर अपनो को लगा ले, माँ बाप के साथ भी थोड़ा वक्त बिता ले, चाहे ना समझे तूझे, ये पूरी दुनियां, एक काम कर, “ईश्वर” को बस तू अपना बना ले, मत डर तानों से,…
विभावरी ( Vibhavari ) काली विभावरी सा आखिर तम कब तक ढोती रहोगी चेतना विहीन मुढ बनकर कब तलक सोती रहोगी स्त्री मर्यादा मूल्य को समाज के कटघरे में बतलान वाले वो प्रज्ञान पुरुष स्वयं को सदा ज्ञानि व विद्वान बतलाने वाले समय के बहुमूल्य मानक संग तुम अपनी सारी बात रखो धीर गंभीर…
हमारे राम ( Hamare ram ) सुकून-ओ-चैन का पैगाम, देने हमें आते हैं राम। भाई से भाई का रिश्ता, निभाने आते हैं राम। दिखता यहाँ कोई मायावी रावण, वध उसका करने आते हैं राम। नफरत की दीवार खड़ा न करो, मोहब्बत का पाठ पढ़ाते हैं राम। हिन्दू-मुस्लिम वो क्या जाने, मेरी हर साँस में…
जीवन प्रिशा अनूप अनंत ( Jeevan Prisha Anup Anant ) मानव जन्म सृष्टि पटल, अलौकिक अनुपम छवि । देवत्व प्रभा मुखमंडल, ओज पुंज सदृश रवि । स्नेह दया सहयोग मूल, सदा गमन नैतिकता पंत । जीवन प्रिशा अनूप अनंत ।। दुःख कष्ट सम धूप छांव , प्रति पल परिवर्तन कारी । सुख आनंद नेह…
हम सबके सियाराम विराजे अयोध्या धाम देखो हम सबके सियाराम । गर्वित हो गया हिंदोस्तान देखो हम सबके सियाराम । मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते । सुख दुख सम समझो सिखलाते सत्य विजय सबको दिखलाते । सबका करें कल्याण गर्वित हो गया हिदोस्तान । हम सबके सियाराम । माता पिता…
स्वतंत्र है अब हम ( Swatantrata hai ab hum ) पूर्ण स्वतंत्र है अब हम स्वतंत्रता दिवस है आया, हर्ष,उल्लास, देशभक्ति का रंग फिज़ा में छाया। आजाद वतन के वास्ते वीरों ने अपना खून बहाया, तोड़ गुलामी की जंजीरें आज़ाद वतन बनाया। पृथक भाषा, पृथक जात, पृथक बोलते है बोलियां, स्वतंत्र देश को करने…
ईश्वर को तू अपना बना ले ( Ishwar ko tu apna bana le ) मौत को गले लगाने से बेहतर अपनो को लगा ले, माँ बाप के साथ भी थोड़ा वक्त बिता ले, चाहे ना समझे तूझे, ये पूरी दुनियां, एक काम कर, “ईश्वर” को बस तू अपना बना ले, मत डर तानों से,…
विभावरी ( Vibhavari ) काली विभावरी सा आखिर तम कब तक ढोती रहोगी चेतना विहीन मुढ बनकर कब तलक सोती रहोगी स्त्री मर्यादा मूल्य को समाज के कटघरे में बतलान वाले वो प्रज्ञान पुरुष स्वयं को सदा ज्ञानि व विद्वान बतलाने वाले समय के बहुमूल्य मानक संग तुम अपनी सारी बात रखो धीर गंभीर…
हमारे राम ( Hamare ram ) सुकून-ओ-चैन का पैगाम, देने हमें आते हैं राम। भाई से भाई का रिश्ता, निभाने आते हैं राम। दिखता यहाँ कोई मायावी रावण, वध उसका करने आते हैं राम। नफरत की दीवार खड़ा न करो, मोहब्बत का पाठ पढ़ाते हैं राम। हिन्दू-मुस्लिम वो क्या जाने, मेरी हर साँस में…
जीवन प्रिशा अनूप अनंत ( Jeevan Prisha Anup Anant ) मानव जन्म सृष्टि पटल, अलौकिक अनुपम छवि । देवत्व प्रभा मुखमंडल, ओज पुंज सदृश रवि । स्नेह दया सहयोग मूल, सदा गमन नैतिकता पंत । जीवन प्रिशा अनूप अनंत ।। दुःख कष्ट सम धूप छांव , प्रति पल परिवर्तन कारी । सुख आनंद नेह…
हम सबके सियाराम विराजे अयोध्या धाम देखो हम सबके सियाराम । गर्वित हो गया हिंदोस्तान देखो हम सबके सियाराम । मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते । सुख दुख सम समझो सिखलाते सत्य विजय सबको दिखलाते । सबका करें कल्याण गर्वित हो गया हिदोस्तान । हम सबके सियाराम । माता पिता…
स्वतंत्र है अब हम ( Swatantrata hai ab hum ) पूर्ण स्वतंत्र है अब हम स्वतंत्रता दिवस है आया, हर्ष,उल्लास, देशभक्ति का रंग फिज़ा में छाया। आजाद वतन के वास्ते वीरों ने अपना खून बहाया, तोड़ गुलामी की जंजीरें आज़ाद वतन बनाया। पृथक भाषा, पृथक जात, पृथक बोलते है बोलियां, स्वतंत्र देश को करने…
ईश्वर को तू अपना बना ले ( Ishwar ko tu apna bana le ) मौत को गले लगाने से बेहतर अपनो को लगा ले, माँ बाप के साथ भी थोड़ा वक्त बिता ले, चाहे ना समझे तूझे, ये पूरी दुनियां, एक काम कर, “ईश्वर” को बस तू अपना बना ले, मत डर तानों से,…
विभावरी ( Vibhavari ) काली विभावरी सा आखिर तम कब तक ढोती रहोगी चेतना विहीन मुढ बनकर कब तलक सोती रहोगी स्त्री मर्यादा मूल्य को समाज के कटघरे में बतलान वाले वो प्रज्ञान पुरुष स्वयं को सदा ज्ञानि व विद्वान बतलाने वाले समय के बहुमूल्य मानक संग तुम अपनी सारी बात रखो धीर गंभीर…
हमारे राम ( Hamare ram ) सुकून-ओ-चैन का पैगाम, देने हमें आते हैं राम। भाई से भाई का रिश्ता, निभाने आते हैं राम। दिखता यहाँ कोई मायावी रावण, वध उसका करने आते हैं राम। नफरत की दीवार खड़ा न करो, मोहब्बत का पाठ पढ़ाते हैं राम। हिन्दू-मुस्लिम वो क्या जाने, मेरी हर साँस में…
जीवन प्रिशा अनूप अनंत ( Jeevan Prisha Anup Anant ) मानव जन्म सृष्टि पटल, अलौकिक अनुपम छवि । देवत्व प्रभा मुखमंडल, ओज पुंज सदृश रवि । स्नेह दया सहयोग मूल, सदा गमन नैतिकता पंत । जीवन प्रिशा अनूप अनंत ।। दुःख कष्ट सम धूप छांव , प्रति पल परिवर्तन कारी । सुख आनंद नेह…
हम सबके सियाराम विराजे अयोध्या धाम देखो हम सबके सियाराम । गर्वित हो गया हिंदोस्तान देखो हम सबके सियाराम । मर्यादा का पालन करते दोष दूसरो पर न धरते । सुख दुख सम समझो सिखलाते सत्य विजय सबको दिखलाते । सबका करें कल्याण गर्वित हो गया हिदोस्तान । हम सबके सियाराम । माता पिता…