Hindi Kavita On Women -नारी
नारी
( Nari Kavita )



मैं कविता की हूंकारो से ( Main kavita ki hunkaro se ) मैं कविता की हूंकारो से, गगन उठाया करता हूं। सोया सिंह जंगल का राजा, शेर जगाया करता हूं। मात पिता गुरु की सेवा का, धर्म बताया करता हूं। अतिथि देवन हमारे, सम्मान जताया करता हूं। शब्दाक्षर से अल्फाजों में,…

जमाना आजकल ( Jamana Aaj Kal ) जमाना आजकल बदल रहा है, जो कल था,वह आज नहीं रहा है हो रहा है, नित नया प्रयास हर रोज बंध जाती है, जीने की आस l कैसा बीत रहा है आज कल की खबर नहीं क्या होगा कल आज जी को मस्ती भरे नगमे गा लो…

अपनों से प्यार पाता हूं ( Apno se pyar pata hoon ) रिश्तो की डगर पर जिम्मेदारी खूब निभाता हूं जीवन के उतार-चढ़ाव में संभल कर जाता हूं घर परिवार कुटुंब समाज सदा स्नेह लुटाता हूं अपनापन अनमोल है अपनों से प्यार पाता हूं अपनों से प्यार पाता हूं मात पिता की सेवा…

आओ चले योग की ओर ( Aao chale yoga ki ore ) आओ चले योग की ओर आओ चले योग की ओर तन मन अपना चंगा होगा सेहत रहेगी सिरमौर व्याधि बीमारी महामारी हाई-फाई हो रही भारी शुगर बीपी का मचे शोर आओ चले योग की ओर संतुलित सुखकर्ता जीवन में हर्ष…

महाकुम्भ में खिचड़ी धनु को त्याग मकर में आये,जब दिनकर भगवान।दक्षिण वलित हो गई धरती,आया पावन पर्व महान। हुई अवस्थिति अयन उत्तरी,अब शुभ मंगल दिन आये।वर को वधू, वधू को वर अब,हर्षित मन को मिल पायें। अलग अलग क्षेत्रों में लोहरी,पोंगल, बिहू, टुसू, संक्रांति।उत्तरायण से ही जन-जन में,क्रमशः भरती जाती कान्ति। मिलती मुक्ति शीत से…

मेरी माँ ( Meri Maa ) ( 3 ) दर्द भी दवा बन जाती है, तेरे पास आकर, रोती आँखें भी मुस्काती है, तेरे पास आकर, मंज़र-ए-क़यामत है,आँचल में तेरी ठंडी हवा, क्योंकि जन्नत भी रुकती है, तेरे पास आकर, कैसे बताऊँ किस कदर मोहब्बत है तुमसे माँ, ज़िंदगी भी ज़िंदगी लगती है, तेरे पास…