व्यवहार | Hindi Poem Vyavahar
व्यवहार
( Vyavahar )
बातों से ही तो बढ़ेंगी अपनी बातें
हाथों से हि हाथ मिलेंगे तब हमारे
तन्हा कटता नहीं सफ़र जिंदगी का
रास्ते हि तो बनते हैं रास्तों के सहारे
दोस्त न मिले तो दुश्मनों से मिलो,
रंजिशें भूलके उनके ही गले मिलो,
गर तुम्हें कोई हमदर्द ना मिल सके,
तो तुम्हीं किसी हमदर्द बनके मिलो,
अपने व्यवहार में शालीनता लाओ,
लफ़्ज़ों की खुशबू हर ओर फैलाओ,
कोई भांप न ले इस दिल का हाल,
होंठों पे अपनी मुस्कान ले लाओ
तारों की चमक कभी कम नहीं होती,
चाँद की शीतलता कभी थम नहीं जाती,
अपने हुनर को हरदम आज़माया करो,
बेकार कभी सच्ची मेहनत नहीं जाती।
आश हम्द
पटना ( बिहार )