हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है | Geet
हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है
( Hum mile the aapse woh zamana yaad hai )
वो हंसी पल वो तराना सुहाना याद है
हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है
खिल उठा था चमन चहक उठी वादियां सभी
खुशियां बरस पड़ी महक उठी बगिया तभी
प्रीत भरी मीठी बातें तुम संग मुस्काना याद है
हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है
फूलों सा खिलता चेहरा झौंका मस्त बहारों का
कुदरत भी रंग बिखेरे भावन हसीं नजारों सा
थोड़ा तेरा शर्माना वो इठलाना याद है
हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है
प्यार के मोती सजाते दिलों के संसार में
चैन की बंशी बजती तेरे मेरे प्यार में
तेरे नाम की वो चर्चा गुनगुनाना याद है
हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है
सागर सी उमंगे मन में खिलती बहार सी
गीतों की लड़ियां सजती तेरे मेरे प्यार की
सावन की बूंदों सा तेरा दिल मिलाना याद है
हम मिले थे आपसे वो जमाना याद है
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )