जीवन आदर्श | Jeevan Adarsh
जीवन आदर्श
( Jeevan adarsh )
( Jeevan adarsh )
बाइज्जत बरी ! ( Baijjat bari ) बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में, सीबीआई की विशेष अदालत ने- फैसला दिया है; सभी 32 आरोपियों को बरी किया है। आडवाणी , जोशी साफ बच गए? इनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला- जज साहब कह गए! तो सवाल है मस्जिद तोड़ी किसने? क्या भूत पिसाच या भूकंप ने…
बेमौसम बरसात ( Be mausam barsat ) ओला आंधी तूफां आए, घिर आई काली रात। धरती पुत्र सुस्त हो गए, हुई बेमौसम बरसात। फसल खड़ी खेत रबी की, आने को हुई वैशाखी। जमीदार मुंह ताक रहा, अब कर्ज चुकाना बाकी। बिन बुलाए मेहमान आए, ज्यों बेमौसम बरसात। अपने भी मुंह फेर रहे, ना पूछे…
संम्भाल अपने होश को ( Sambhal apne hosh ko ) उत्साह भर कर्मों में अपने जीवन जीना सीख ले, छोड़ अपनों का सहारा खुद भाग्य रेखा खींच ले। भीड़ में है कौन सीखा जिंदगी के सीख को, हाथ बांधे ना मिला है मांगने से भीख को। ढाल ले खुद को ही…
जख्म ( Zakhm ) दुखती रग पे हाथ रखा घाव हरे हो गये कल तक जो अपने थे बैरी हमारे हो गए घाव भरते नहीं कभी जो मिले कड़वे बोल से नासूर भांति दुख देते रह रहकर मखोल से जख्म वो भर जाएंगे वक्त की मरहम पाकर आह मत लेना कभी…
कहानी मेरी ( Kahani Meri ) क्या कहूँ तेरे बिना – क्या है ये जिंदगानी मेरी; तुझसे शुरु तुझपे ख़त्म ये छोटी-सी कहानी मेरी । ना भूख, ना प्यास, दिल घायल, बेचैन रूह है; तुझे क्या बताऊँ क्या-क्या नहीं है परेशानी मेरी । जो बेशक़ीमती लम्हें हमने तेरे साथ गुज़ारे थे;…
मांँ जीवन की भोर ( Maa jeevan ki bhor ) मांँ तो फिर भी मांँ होती है हर मर्ज की दवा होती। आंँचल में संसार सुखों का हर मुश्किलें हवा होती। मोहक झरता प्रेम प्यार बहाती पावन संस्कार से। आशीष स्नेह मोती बांटती माता अपने दुलार से। मांँ की ममता सुखसागर पल…