बहुत कम दिन हुए यारों | Kam Din Hue
बहुत कम दिन हुए यारों
( Bahut kam din hue yaron )
अभी उनको भुलाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों
मुहब्बत आजमाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
जरा सी है ख़लिश बाकी ज़रा बाकी निशां उनके
उन्हें दिल से हटाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
परिंदा सीख लेगा जल्द ही उड़ना ज़रा ठहरो
अभी तो पंख पाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
नहीं वो जानता है दर्द ख़्वाबों के बिखरने का
उसे सपने सजाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
लगेगा वक्त कुछ हो जाएगा वो क़ैद का आदी
कफ़स को घर बनाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
लिखा उसने जो खत मजमून उसका याद है हमको
हमें वो खत जलाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
भरेगा जख़्म मरहम वक्त का इस पर लगाना है
नयन को चोट खाए दिन बहुत कम दिन हुए यारों।
सीमा पाण्डेय ‘नयन’
देवरिया ( उत्तर प्रदेश )