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प्यार की दिल में कसक रही | Kasak Shayari

प्यार की दिल में कसक रही

( Pyar ki dil mein kasak rahi )

 

कान में चूड़ी की खनक रही
प्यार की दिल में कसक रही

सांस में महक प्यार से उठी
आज वो गुलों में लचक रही

वो नहीं आये है सनम मिलने
राह उसी की अब तलक रही

इश्क़ में गिरफ़्तार दिल हुआ
एक बस दिखाती झलक रही

शक्ल देख लूं वो किसी तरफ़
रोज़ उसी की ही चसक रही

याद आ रहा खूब वो सनम
रोज़ यूं निग़ाहे छलक रही

साथ में हुआ कल दग़ा प्यार में
सोचकर ही दिल में दलक रही

 

शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )

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