आस्था का पर्व छठ पूजा

( Aastha ka parv chhath puja )

 

यह वैदिक काल से चलता आ रहा अनुपम लोकपर्व,
बिहार झारखंड में मनाया जाता धूम-धाम से ये पर्व।
उषा प्रकृति जल वायु एवं सूर्य को विशेषकर‌ पूजता,
सबसे बड़ा और अनोखा छठ मईया का यें महा पर्व।।

 

पर्व का अनुष्ठान कठोर है जो चार दिनों तक चलता,
पुरुष स्त्रियाॅं बुड्ढे बच्चें सब व्रत का पालन है करता।
पवित्र जिसमें स्नान उपवास एवं पानी में खड़े होना,
संतान की लम्बी आयु हो वरदान सभी यह माॅंगता।।

 

कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से जिसकी होती है शुरूआत,
और कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है यें समाप्त।
छठ व्रती महिलाऍं करती 36 घन्टें निर्जला उपवास,
इस कठिन व्रत में शुद्धता का रखती है बहुत ध्यान।‌।

 

छठ पूजा वास्तविकता मे प्रकृति पूजन माना जाता,
नदी तालाब और जलाशयों के किनारे पूजन होता।
प्रदूषण मुक्त सारा विश्व ‌रहें यह त्यौहार प्रेरणा देता,
केले सेब गन्ना जैसे कई फल प्रसाद में दिया जाता।।

 

परदेशी परिवार भी इसदिन अपनें घर गाॅंव में आतें,
डूबते निकलते सूरज को सभी श्रृद्धाभाव से पूजतें।
मंगल यह करती और दुःख कष्ट पीड़ा मईया हरती,
नहीं होती कोई मूर्तिपूजा बधाई आपस में सब देते।।

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

2 COMMENTS

  1. बहुत सुन्दर आदरणीय मेरी रचनाएं प्रकाशित करने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार 🙏

  2. जय हो छठ मैया सभी पर अपना आशीर्वाद बनाए रखना |

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