तिलक करें नववर्ष हम मंगल गाएंगे

( Tilak karen nava varsh ham mangal gayenge )

 

नए दौर में हम नए तराने गीत सुनाएंगे।
झूम-झूमके आओ सारे खुशी मनाएंगे।

नए साल में नई उमंगे रस बरसाएंगे।
प्यार भरे अनमोल मोती खूब लूटाएंगे।

स्वागत अभिनंदन है पलके बिछाएंगे।
तिलक करें नववर्ष हम मंगल गाएंगे।

पुष्प थाल सजा महफिल महकाएंगे।
शब्द सुरीले गीतों मे रसधार बहाएंगे।

आशाओं के दीप ले रोशन कर जाएंगे।
अभिनंदन शुभ वंदन नववर्ष मनाएंगे।

अधरो पे मुस्कान लिए फूल खिलाएंगे।
संगीत सुर तान छेड़ नववर्ष मनाएंगे।

नई सोच ले नई राहें हम आगे आएंगे।
नई मंजिले नए स्वप्न कीर्तिमान पाएंगे।

देशप्रेम की दिव्य ज्योति घट जलाएंगे।
प्रेम सुधा बंधुत्व से शुभ भाव जगाएंगे।

 

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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