शेखावाटी गंध | Kavita Shekhawati Gandh
शेखावाटी गंध
( Shekhawati Gandh )
खबरों की खबर है या वो बेखबर है।
हमको भी सबर है उन्हें भी सबर है।
कहीं आसपास दमके नव ज्योति उजाला।
चमक रहा भास्कर मेरी किस्मत का ताला।
मरूवेदना सुन लो आकर दर्द मेरे दिल का।
आज तक जागरण हुआ मेरे जनमत का।
शेखावाटी गंध फैली हिंदुस्तान के हर कोने में।
हुकुमनामा जारी हुआ कलमकारों के होने में।
झलक झुंझुनू दिखला दे हमें शेखावाटी पोस्ट।
पत्रिका प्रखर हो दमकती जन जन की दोस्त।
राज समाचार सुनाता आपणो नवलगढ़ प्यारो।
गीत गजल छंद गाते गजबण गाती बिणजारो।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )