तेरा वोट का है अधिकार | Kavita Tera Vote ka Hai Adhikar
तेरा वोट का है अधिकार
( Tera Vote ka Hai Adhikar )
नेता करते सभी से प्यार,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
उन्हें सौंपो फिर से कमान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
नेता करते सभी से प्यार,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
तुम पोलिंग बूथ पे जाओ,
एक अपनी बटन दबाओ।
तुम भी निकलो खुद घर से,
वो भी उतरे अंबर से।
अरे, जमके करो मतदान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
नेता करते सभी से प्यार,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
उन्हें सौंपो फिर से कमान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
मन का प्रत्याशी है चुनना,
निर्भय मतदान तू करना।
अच्छी सरकार बनाना,
धुर्तों को धूल चाटना।
राहें होंगी तेरी आसन,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
नेता करते सभी से प्यार,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
उन्हें सौंपो फिर से कमान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
तुम देश का है मतदाता,
फिर बाद में क्यों पछताता।
तू समझ न जिम्मेदारी,
तब गमकेगी फुलवारी।
तेरा आगे बढ़े हिंदुस्तान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
उन्हें सौंपो फिर से कमान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
नेता करते सभी से प्यार,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
मत खींच तू जाति की रेखा,
हुई हानि नहीं तू देखा।
तेरा वोटिंग का अधिकार,
कोई करे न तेरा शिकार।
जो बढ़के बचाए संविधान,
अरे, रे! बाबा, हाँ बाबा।
नेता करते सभी से प्यार,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
उन्हें सौंपो फिर से कमान,
अरे, रे! बाबा, न बाबा।
रामकेश एम.यादव (रायल्टी प्राप्त कवि व लेखक),
मुंबई