खूबसूरत है बोलने का ही उसे लहज़ा नहीं
खूबसूरत है बोलने का ही उसे लहज़ा नहीं
खूबसूरत है बोलने का ही उसे लहज़ा नहीं!
सच कहूँ मैं प्यार से ही पेश वो आता नहीं
सोचकर करना है ये इजहार दिल से प्यार तू
प्यार का आसान देखो ये इतना रस्ता नहीं
प्यार से देखें हमेशा के लिये मुझको वही
जिंदगी में ही मिला कोई ऐसा चेहरा नहीं
याद तू आता नहीं हो ए सनम मुझको मगर
जिंदगी में ही कोई ऐसा मेरे लम्हा नहीं
रोज़ होता ही रहा है साथ में धोखा मुझसे
हाँ कभी मेरी हुआ तक़दीर में अच्छा नहीं
किस तरह से मैं ख़रीदूँ आटा बच्चों के लिये
एक भी तो जेब में मेरी बचा पैसा नहीं
खाता था कसमें हमेशा साथ देनी की सदा
कोई भी उसने निभाया मुझसे ही वादा नहीं
कर गया है ग़ैर वो मुझको हमेशा के लिये
साथ मेरे ही उसनें रक्खा आज़म रिश्ता नहीं
️
शायर: आज़म नैय्यर
(सहारनपुर )
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